CAA Support: लोहरदगा हिंसा में पहली मौत, घायल नीरज प्रजापति ने रांची में दम तोड़ा

CAA Support लोहरदगा में हुई हिंसा में घायल होने के बाद उन्हें रांची के ऑर्किड अस्पताल में भर्ती किया गया था। पत्‍थरबाजी में नीरज घायल हो गया था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 27 Jan 2020 08:14 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jan 2020 06:49 PM (IST)
CAA Support: लोहरदगा हिंसा में पहली मौत, घायल नीरज प्रजापति ने रांची में दम तोड़ा
CAA Support: लोहरदगा हिंसा में पहली मौत, घायल नीरज प्रजापति ने रांची में दम तोड़ा

रांची, जेएनएन। CAA Support लोहरदगा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में निकाले गए जुलसू पर हुई हिंसा में घायल नीरज राम प्रजापति की सोमवार को रांची के रिम्स में मौत हो गई। रिम्स के ट्रामा सेंटर में उसका इलाज चल रहा था। लोहरदगा में हुई हिंसा में घायल होने के बाद उन्हें रांची के ऑर्किड अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां से 2 दिन के इलाज के बाद ब्रेन हेमरेज व स्थिति गंभीर बताकर उसे रिम्स रेफर कर दिया गया था। सीएए के समर्थन में निकाले गए तिरंगा यात्रा के दौरान पत्थरबाजी में नीरज घायल हो गया था।

लोहरदगा में #CAA के समर्थन में निकाले जुलूस पर हमले के दौरान चोटिल नीरज राम प्रजापति के निधन से मन व्यथित है। राज्य सरकार मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी व मुआवजा दे। अपराधियों को अविलंब गिरफ्तार करे। मेरी संवेदना मृतक के परिजनों के साथ है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। — Raghubar Das (@dasraghubar) January 27, 2020

नीरज के मौत की सूचना मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री और सांसद सुदर्शन भगत, विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल सहित कई सामाजिक संगठन व हिन्दू संगठन के लोग रिम्‍स पहुंच गए हैं। ट्रामा सेंटर के बाहर काफी भीड़ और लोगों में रोष है। रिम्स में रांची सदर डीएसपी भी पहुंचे हुए है। नीरज का शव अभी आइसीयू में ही है। कागजी प्रक्रिया चल रही है।

हिंसा के बाद लगा दिया गया था कर्फ्यू

23 जनवरी को पत्थरबाजी की घटना के बाद लोहरदगा में भड़की हिंसा और बवाल के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था। सोमवार को कर्फ्यू के पांचवें दिन दो घंटे की छूट दी गई। छूट दिन के 10.00 से 12.00 बजे तक रही। छूट की अवधि में एक जगह चार से अधिक लोगों के रहने की इजाजत नहीं थी। कर्फ्यू में छूट देने से पहले पुलिस-प्रशासन ने लोहरदगा की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। तय हुआ कि कर्फ्यू में ढील उस समय दी जाए, जब लोग अपनी आवश्यकता की चीजें भी खरीद सकें और विधि-व्यवस्था के नियंत्रण में कोई परेशानी भी न हो।

कर्फ्यू में छूट देने के निर्णय के बाद एहतियात के तौर पर पुलिस-प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में पहले प्रचार-प्रसार कराया गया। अब प्रशासन दो घंटे की छूट के दौरान शहर में रही स्थिति की समीक्षा करेगा। इसके बाद कर्फ्यू में छूट की अवधि बढ़ाए जाने पर विचार करेगा। इधर, कर्फ्यू में मिली दो घंटे की छूट के दौरान किराने और दवा की दुकानों पर लोगों की खासी भीड़ उमड़ी। एहतियात के तौर पर सशस्त्र बल की टुकडिय़ां भी चौकन्ना दिखी।

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