अपहरण व दुष्कर्म के आरोप से कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन बरी

रांची : अपहरण, दुष्कर्म का प्रयास व आपराधिक षड्यंत्र के आरोप से कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन व

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Mar 2018 11:43 PM (IST) Updated:Sat, 31 Mar 2018 11:43 PM (IST)
अपहरण व दुष्कर्म के आरोप से कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन बरी
अपहरण व दुष्कर्म के आरोप से कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन बरी

रांची : अपहरण, दुष्कर्म का प्रयास व आपराधिक षड्यंत्र के आरोप से कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन व संजय प्रमाणिक शनिवार को बरी हो गए। महिला फास्ट ट्रैक कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कुमारी रंजना अस्थाना की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें बरी किया। अदालत ने माना कि अभियोजन केस को साबित नहीं कर सका। इस मामले में आरोप लगाने वाली बुंडू थाना क्षेत्र के बारूहातू निवासी युवती ही लगाए गए आरोप से मुकर गई। न्यायालय में दिए बयान में उसने कहा कि पुलिस ने प्राथमिकी की थी। पुलिस ने पढ़कर भी उसे नहीं सुनाया था। उसका अपहरण नहीं हुआ और न ही उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास हुआ था। फैसले के दौरान कुंदन पाहन व अन्य को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया था। इस मामले के अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक अशोक कुमार थे।

गौरतलब है कि पीड़िता ने 28 सितंबर 2004 को बुंडू थाने में कांड संख्या 68/04 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि उसके पास 400 एकड़ जमीन है। पिता के निधन के बाद गोतिया के लोग उसे हड़पना चाहते थे। वर्ष 2002 में वह 16 वर्ष की थी। तब गांव में एमसीसी दस्ता अपने संगठन का विस्तार कर रहा था। उस वक्त कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन उर्फ विकास जी एरिया कमांडर कहा जाता था। उसने पीड़िता के घर पर जाकर कहा था कि उसके शस्त्र दस्ते में वह शामिल हो जाए। इस तरह उसकी संपत्ति की रक्षा भी हो जाएगी। दस्ता का नाम सुनकर युवती नक्सलियों के साथ जाने से इन्कार कर दी। इसके बाद अक्टूबर 2002 में कुंदन आया और जबर्दस्ती उसे उठाकर जंगल में ले गया। बिना इच्छा के घेरकर रखने लगा और इस दरम्यान जबर्दस्ती भी की। पीड़िता ने तब प्राथमिकी में कुंदन पाहन सहित अशोक मेहता, कामदेव उर्फ सोनिया, मोती सिंह मुंडा, संजय प्रमाणिक, सुशील सिंह मुंडा, देव नारायण, सिदाम सिंह मुंडा, मार्शल टूटी, शिवकांत मुंडा उर्फ आजाद, उदीड़ मेहता उर्फ आजाद, आरती कुमारी व महेश कुमार साहू का नाम शामिल था।

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