NSAP Jharkhand: क्या है राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, सरकार किन लोगों को दे रही इसका लाभ

NSAP Scheme राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम क्या है? किस तरह से आप इसका लाभ उठा सकते हैं? किन लोगों को यह लाभ दिया जाता है? झारखंड सरकार और केंद्र सरकार ने इसके लिए क्या मानक तय किया है? इन तमाम सवालों का यहां पढ़िए जवाब।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Tue, 16 Aug 2022 11:13 PM (IST) Updated:Tue, 16 Aug 2022 11:18 PM (IST)
NSAP Jharkhand: क्या है राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, सरकार किन लोगों को दे रही इसका लाभ
NSAP Scheme: राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम गरीबों के लिए मदद मुहैया कराने की योजना है।

रांची, डिजिटल डेस्क। NSAP का अंग्रेजी में पूरा नाम है- National Social Assistance Programme। इसे हिंदी में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम कहा जाता है। NSAP भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत एक केंद्र प्रायोजित योजना है। यह 15 अगस्त 1995 से लागू की गई थी। यह संविधान के अनुच्छेद 41 में निहित राज्य की नीति निदेशक तत्त्वों की पूर्ति की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। मूलतः भारत के संविधान का अनुच्छेद 41 राज्य को बेरोजगारी, वृद्धावस्था, बीमारी और दिव्यांगता के मामले में नागरिकों को सार्वजानिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश देता है।

वृद्धजनों, विधवाओं और दिव्यांगों को मदद

इस योजना का लक्ष्य वृद्धजनों, विधवाओं और दिव्यांग लोगों को सामाजिक पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। वर्तमान में तीन करोड़ ऐसे लोगों को यह लाभ पहुंचाया जा रहा जो गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। इनमें लगभग 80 लाख विधवा महिलाएं, 10 लाख दिव्यांग और 2.2 करोड़ वृद्ध शामिल हैं।

सरकार की चार योजनाएं इसके तहत शामिल

वर्तमान में NSAP में चार योजनाएं शामिल हैं। इनमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना IGNOAPS, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना IGNWPS, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना IGNDPS, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना NFBS शामिल हैं।

हर माह दस किलो अनाज भी देती है सरकार

इस योजना के तहत लोगों को हर माह 10 किलोग्राम अनाज उपलब्ध कराया जाता है। यह ऐसे लोग होते हैं जिनको किसी तरह की पेंशन नहीं मिल रही है। इन लोगों को आर्थिक सहायता के साथ साथ खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा का भी लाभ दिया जाता है। भारत सरकार और राज्य सरकार मिलकर इस योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाती हैं। विभन्न राज्यों में पेंशन की राशि अलग अलग होती है। ऐसा इसलिए कि राज्य सरकार का अंशदान अगल अलग होता है।

योजना में दिव्यांगों को 500 रुपये का प्रविधान

मालूम हो कि पहले वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए उम्र 65 वर्ष निर्धारित थी। वर्ष 2011 में यह सीमा घटाकर 60 साल कर दी गई। इसी तरह राष्ट्रीय दिव्यांगता पेंशन योजना के तहत 500 रुपये की मासिक सहायता दिव्यांग लोगों को दी जाती है। कोरोना संकट के समय जब लोग परेशान थे तो पीएम मोदी की सरकार ने इसी योजना के तहत लाभार्थियों के खाते में 3 महीने की एडवांस पेंशन भेज रही थी। एनएसएपी के तहत लाभार्थियों के आंकडें एनएसएपी-पीपीएस पर डिजिटल फार्म पर उपलब्ध है।

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