अब माओवादियों को नेतृत्व देगा नंबाला राव, इस साल भी नक्‍सलमुक्‍त नहीं हुआ झारखंड

भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व में बड़ा परिवर्तन हुआ है। तेलांगना के गणपति के बाद अब आंध्र प्रदेश के नंबाला केशवा राव को प्रतिबंधित नक्‍सली समूह का महासचिव बनाया गया है।

By Edited By: Publish:Fri, 09 Nov 2018 06:01 AM (IST) Updated:Fri, 09 Nov 2018 06:04 AM (IST)
अब माओवादियों को नेतृत्व देगा नंबाला राव, इस साल भी नक्‍सलमुक्‍त नहीं हुआ झारखंड
अब माओवादियों को नेतृत्व देगा नंबाला राव, इस साल भी नक्‍सलमुक्‍त नहीं हुआ झारखंड

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व में बड़ा परिवर्तन हुआ है। निवर्तमान महासचिव मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति के इस्तीफे के बाद उसकी जगह पर नंबाला केशवा राव को इस प्रतिबंधित नक्सली समूह का महासचिव बनाया गया है। खुफिया सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। बताया जा रहा है कि देश के 17 सेंट्रल कमेटी सदस्यों ने नंबाला को अपना मुखिया बनाया है।

नंबाला 63 साल का है। गणपति की उम्र 71 वर्ष हो गई थी। सूत्रों की मानें तो गणपति ने ही अपनी उम्र का हवाला देते हुए पद त्याग दिया है। वह मूल रूप से तेलंगाना के जागीतियल जिले के बीरपुर गांव का रहने वाला है। उसने पांच राज्यों में माओवादियों का दबदबा कम होने की जिम्मेदारी खुद ले ली है। सूत्रों का यह भी कहना है कि माओवादियों ने सेंट्रल कमेटी सदस्यों की संख्या भी बढ़ाई है।

कौन है नंबाला केशवा राव : नंबाला केशवा राव सेंट्रल मिलिट्री कमिशन (सीएमसी) का प्रमुख रहा है। उसे क्षेत्र में युद्ध की कला, विस्फोटक के प्रयोग की तकनीकी जानकारी व सैनिक कलाबाजी का पूरा ज्ञान है। वह पिछले 28 साल से भूमिगत है और पुलिस की पकड़ से बाहर है। गणपति के स्थान पर माओवादियों का नेतृत्व करने वाला नंबाला केशवा राव उर्फ बसवराजू मूल रूप से आंध्र प्रदेश स्थित श्रीकाकुलम जिले के जियोनिपेट का रहने वाला है।

उसने वारंगल के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज (आरईसी) से स्नातक किया था। अब यह संस्थान नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलोजी हो गया है। वह 21 जनवरी 1980 में केवल एक बार ही गिरफ्तार हुआ था, जब रेडिकल स्टूडेंट यूनियन (आरएसयू) में आपसी विवाद हो गया था। इसके बाद से कई बार वह पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा है। उसपर आंध्रप्रदेश सरकार ने 50 लाख रुपये का इनाम रखा है।

एक करोड़ के इनामी तेलंगाना के सुधाकर रेड्डी उर्फ सुधाकरण के साथ नंबाला वर्ष 2014 में झारखंड आया था। उसने आंध्र-ओडिशा सीमा व दंडकारण्य क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का परिचय दिया है। नंबाला व इसकाग्रुप हमेशा से ही हिंसक रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस ग्रुप को भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।

लगातार धमक दिखा रहे नक्सली, साल बीतने में चंद दिन शेष : झारखंड में नक्सली लगातार धमक दिखा रहे हैं। लगातार घट रही नक्सल घटनाएं पुलिस के अभियान व दावों की पोल खोलती दिख रही है। एक माह के भीतर सात बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर नक्सलियों ने अपनी धमक बरकरार रखी है। डीजीपी ने गत वर्ष भी 31 दिसंबर तक नक्सल के सफाए का लक्ष्य रखा था, सफलता नहीं मिली तो इस लक्ष्य को एक साल के लिए बढ़ा दिया। अब दूसरा 31 दिसंबर भी करीब है, लेकिन नक्सल समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

नक्सली अपने कुनबे को बढ़ाते जा रहे हैं और आए दिन घटनाओं को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते जा रहे हैं। गौरतलब है कि झारखंड पुलिस ने केंद्र के सामने अधिकतर जिलों को नक्सल मुक्त कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार पूरे देश में 30 अति उग्रवाद प्रभावित जिले हैं, जिनमें झारखंड के सिर्फ 13 जिले ही शामिल हैं।

इन जिलों को ही अगस्त महीने में केंद्रीय सहायता के रूप में 20-20 करोड़ रुपये मिले थे। जिन 13 जिलों को अति उग्रवाद प्रभावित घोषित किया गया है, उनमें गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लातेहार, पलामू, पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो, हजारीबाग, चतरा, रांची, गढ़वा, लोहरदगा व सिमडेगा शामिल हैं। नक्सली अब भी इन इलाकों में मजबूती के साथ डटे हुए हैं।

हाल के कुछ प्रमुख मामले -छह नवंबर : नक्सलियों के खिलाफ अभियान के दौरान पलामू-चतरा के सीमावर्ती क्षेत्र के रहरिया जंगल से पुलिस ने नौ शक्तिशाली बम बरामद किया। सभी बम चट्टानों के दरार में छिपाकर रखे गए थे। -चार नवंबर : भाकपा माओवादियों ने खलारी थाना क्षेत्र अंतर्गत चूरी होयर बस्ती से लेकर अंबाटोंगरी जतराटाड़ में कई निजी और सरकारी भवनों पर दीवार लेखन किया। माओवादियों की संख्या लगभग 60 बताई गई थी। सभी वर्दी में थे और हथियार से लैस थे। इनलोगों ने हाईस्कूल, पुराना स्वास्थ्य केंद्र भवन, जतराटाड़, होयर बस्ती सहित कई घरों की दीवारों पर पुलिस के खिलाफ स्लोगन दीवारों पर लिखा।

-चार नवंबर : नक्सलियों ने हजारीबाग के केरेडारी में छह वाहन फूंकने के दूसरे ही दिन लातेहार जिला के चंदवा थाना के ढोंठी मड़मा (बरवाटोली) में नक्सलियों ने पुल निर्माण में लगे एक पोकलेन व डंपर को फूंक डाला और काम बंद करने की चेतावनी दी। -तीन नवंबर : हजारीबाग के सुदूरवर्ती प्रखंड केरेडारी में नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया। हथियारबंद नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगे छह वाहनों में आग लगा दी।

-29 अक्टूबर : पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना क्षेत्र की टोमडेल पंचायत के सूडा वनग्राम निवासी जयमसीह टोपनो (35) की नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। -15 अक्टूबर : नक्सलियों ने दिल्ली-हावड़ा मुख्यमार्ग के धनबाद-गया रेलखंड पर चौधरीबांध व चेगरो हॉल्ट के बीच अप व डाउन ट्रैक को विस्फोट से उड़ा दिया।

-16 अक्टूबर : नक्सलियों ने दिनदहाडे़ लोहरदगा के किस्को-रिचुघुटा मार्ग पर मसुरियाखाड़-कठुआपानी में बाक्साइट लदे आठ ट्रकों को आग के हवाले कर दिया। सूत्रों की मानें तो भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर रविद्र गंझू और जोनल कमांडर बलराम उरांव के दस्ते ने घटना को अंजाम दिया है।

212 नक्सलियों पर सरकार ने रखा ईनाम नक्सल समस्या के समाधान को लेकर सरकार के स्तर पर राज्य में सक्रिय 212 नक्सलियों पर ईनाम घोषित कर रखा है। इनमें एक करोड़ के इनामी तीन नक्सली, 25 लाख के इनामी 11 नक्सली, 15 लाख के इनामी 16 नक्सली हैं। वहीं, 10 लाख रुपये के इनामी 32 नक्सली, पांच लाख के 38, दो लाख के इनामी 37 नक्सली, एक लाख रुपये के इनामी 75 शामिल हैं।

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