Jharkhand: 10वीं तक पढ़े झारखंड के शिक्षा मंत्री ने 12वीं में लिया एडमिशन, बोले- नियमित करेंगे पढ़ाई

Jharkhand Political Updates झामुमो के संस्थापक बिनोद बिहारी महतो का नारा पढ़ो व लड़ो से प्रेरणा लेते हुए खुद के स्थापित स्कूल में नामांकन लिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 07:46 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 08:07 AM (IST)
Jharkhand: 10वीं तक पढ़े झारखंड के शिक्षा मंत्री ने 12वीं में लिया एडमिशन, बोले- नियमित करेंगे पढ़ाई
Jharkhand: 10वीं तक पढ़े झारखंड के शिक्षा मंत्री ने 12वीं में लिया एडमिशन, बोले- नियमित करेंगे पढ़ाई

बेरमो (बोकारो), जासं। Jharkhand Political Updates लगातार विपक्षी दल सवाल उठाते रहे हैं। अक्सर सोशल मीडिया पर इनकी योग्यता को लेकर व्यंग्य वाण भी चलते रहते हैं। अब मैट्रिक पास शिक्षा मंत्री ने अपनी योग्यता बढ़ाने की ठानी है। मंत्री ने सोमवार को खुद के स्थापित देवी महतो स्मारक इंटर महाविद्यालय नावाडीह में इंटर में अपना नामांकन कराया।

53 वर्षीय शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो दोपहर एक बजे जब लाव लश्कर के साथ बोकारो स्थित कॉलेज पहुंचे तो लोगों को लगा कि पूर्व की भांति वे खुद के स्थापित इंटर महाविद्यालय का जायजा लेने आए हैं। कॉलेज में मंत्री सबसे पहले फीस काउंटर पहुंचे और इंटरमीडिएट में नामांकन कराने के लिए बतौर शुल्क के रूप में ग्यारह सौ रुपये जमा कर रसीद कटाई। रसीद देख लोग हतप्रभ रह गए। लोगों को अचरज में देख मंत्री ने कहा, पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है। कसक थी कि आगे नहीं पढ़ पाया, अब कसक दूर करूंगा।

बताया कि नेहरू उच्च विद्यालय तेलो में नामांकन कराकर वर्ष-1995 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी तब भी लोग चौंके थे। उस दौरान मेरी उम्र 28 वर्ष थी। इससे पहले वो नौवीं तक की ही पढ़ाई पूरी कर स्कूल से ड्रॉपआउट हो गए थे। जब झामुमो के संस्थापक बिनोद बिहारी के साथ झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में कूदे तब उनके 'पढ़ो व लड़ो' के नारे से प्रभावित हुए और मैट्रिक की परीक्षा दी। इसमें द्वितीय श्रेणी से पास हुए।

बाद में कई वजहों से वे आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। अब जब झारखंड के शिक्षा मंत्री हैं तो न सिर्फ राज्य के सभी बच्चों को पढ़ाएंगे बल्कि खुद पढ़ेंगे, यह ठान लिया है। मंत्री ने जिस इंटर महाविद्यालय में नामांकन कराया है, उसकी स्थापना वर्ष 2006 में उन्होंने खुद कराई थी। तब वे डुमरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक थे।

यह पूछे जाने पर कि कहीं यह विरोधियों द्वारा दसवीं पास शिक्षा मंत्री के कटाक्ष का जवाब तो नहीं है। इस पर उन्होंने कहा कि विरोधियों का काम ही हर बात में मीन-मेख निकालना है। मेरी कोशिश रहेगी कि इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्कृष्ट अंक से पास करूं। यही नहीं, पढ़ाई का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इसके बाद विरोधियों को खुद ब खुद जवाब मिल जाएगा।

निजी कॉलेज में नामांकन कराए जाने पर सवाल

भाजपा नेता सह बोकारो जिला मुखिया संघ के महासचिव गौरीशंकर महतो ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निजी कॉलेज में नामांकन कराए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री एक ओर जहां सरकारी विद्यालय को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्कूल में पढऩे वाले को ही सरकारी नौकरी देने की वकालत करते हैं।

वहीं दूसरी तरफ खुद निजी कॉलेज में नामांकन कराकर निजी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ाई करने को बढ़ावा दे रहे हैं। जबकि नावाडीह में सरकारी प्लस-टू विद्यालय भूषण उच्च विद्यालय संचालित है। वे उसमें भी नामांकन करा सकते थे, लेकिन उन्होंने खुद के स्थापित निजी महाविद्यालय को ही अपने नामांकन के लिए क्यों चुना, यह सवाल तो बनता ही है।

कम से कम स्नातक रहे हैं पूर्व के शिक्षा मंत्री

जगरनाथ महतो से पूर्व राज्य में छह शिक्षा मंत्री रहे हैं। किसी की भी डिग्री स्नातक से कम नहीं रही है। यह पहली बार है जब किसी मैट्रिक पास को राज्य के शिक्षा मंत्री का दायित्व दिया गया है।

शिक्षा मंत्री : डिग्री

नीरा यादव : पीएचडी

बैद्यनाथ राम : स्नातक

हेमलाल मुर्मू : स्नातक

बंधु तिर्की : स्नातक

प्रदीप यादव : स्नातक

चंद्रमोहन प्रसाद : स्नातक प्रोफेशनल

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