Prashant Bose Maoist: जानिए कौन है किशन दा उर्फ प्रशांत बोस, देश में माओवादि‍ओं का है दूसरा बड़ा नेता

Maoist Prashant Bose प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा उर्फ निर्भय मुखर्जी उर्फ काजल उर्फ महेश के नाम से जाना जाता है। इसकी उम्र 75 वर्ष है। 90 के दशक से सक्रिय है। हत्या व आपराधिक साजिश सहित सैकड़ों माओवादी घटनाओं में संलिप्तता रही है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 13 Nov 2021 10:35 AM (IST) Updated:Sat, 13 Nov 2021 10:40 AM (IST)
Prashant Bose Maoist: जानिए कौन है किशन दा उर्फ प्रशांत बोस, देश में माओवादि‍ओं का है दूसरा बड़ा नेता
Maoist Prashant Bose प्रशांत बोस हत्या व आपराधिक साजिश सहित सैकड़ों माओवादी घटनाओं में संलिप्तता रही है।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। एक करोड़ का इनामी माओवादी प्रशांत बोस कल पकड़ा गया। इस खबर में जानिए कौन है किशन दा उर्फ प्रशांत बोस।

-नाम : प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा उर्फ निर्भय मुखर्जी उर्फ काजल उर्फ महेश।

-उम्र : 75 वर्ष।

-माओवादी : माओवादियों का देश में दूसरे स्थान का नेता। पोलित ब्यूरो सदस्य। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना व महाराष्ट्र।

-सक्रिय : 90 के दशक से सक्रिय, हत्या व आपराधिक साजिश सहित सैकड़ों माओवादी घटनाओं में संलिप्तता। सारंडा में 16 जवानों की शहादत सहित कई बड़ी घटनाओं में संलिप्तता का आरोप।

-इनाम : झारखंड सरकार ने रखा है एक करोड़ का इनाम।

-पैतृक घर : यादवपुर, 24 परगना, पश्चिम बंगाल।

-पत्नी : शीला मरांडी, संथाल की रहने वाली। पत्नी भी सेंट्रल कमेटी सदस्य बताई जा रही है।

अब भी झारखंड में सक्रिय हैं 400 नक्सली-उग्रवादी, 114 हैं वांछित

राज्य में अब भी छोटे-बड़े करीब 400 नक्सली-उग्रवादी हैं, जिनमें 114 पर राज्य सरकार ने इनाम रखा है। इन नक्सलियों-उग्रवादियों में एक करोड़ के तीन नक्सलियों के अलावा 25 लाख रुपये के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य, 15 लाख के इनामी रिजनल कमेटी सदस्य, 10 लाख के इनामी जोनल कमेटी सदस्य, पांच लाख के इनामी सब जोनल कमेटी सदस्य, दो लाख के इनामी एरिया कमांडर व एक लाख के इनामी सदस्य शामिल हैं। झारखंड पुलिस इनकी तलाश कर रही है।

इन इलाकों में सक्रिय हैं नक्सली, चल रहा है अभियान

झारखंड में अब भी सरायकेला-खरसांवा, रांची, खूंटी व पश्चिमी सिंहभूम की सीमा पर नक्सली सक्रिय हैं। हालांकि, पुलिस के जोरदार अभियान के चलते नक्सलियों का मनाेबल टूटा है। इसके चलते नक्सली घटनाओं में भी कमी आई है। इन इलाकों में एक करोड़ के इनामी अनल दा उर्फ पतिराम मांझी का दस्ता सक्रिय है, जो पुलिस के लिए सिरदर्द है। यही ग्रुप पारसनाथ इलाके में भी सक्रिय है।

खूंटी, गुमला व सिमडेगा तथा रांची में उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के उग्रवादी सक्रिय हैं, जिनका सुप्रीमो 25 लाख रुपये का इनामी दिनेश गोप अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। बूढ़ा पहाड़ का क्षेत्र, जिसमें लातेहार, पलामू, गढ़वा आदि जिले का क्षेत्र आता है, वहां माओवादियों का स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य मिथिलेश महतो का दस्ता सक्रिय है। इसके खिलाफ अभियान जारी है।

सात साल में 3700 नक्सली गिरफ्तार, 170 कर चुके हैं आत्मसमर्पण

राज्य में वर्ष 2014 से लेकर अब तक करीब 3700 नक्सली गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि 170 नक्सलियों ने राज्य सरकार की ऑपरेशन नई दिशा के तहत आत्मसमर्पण किया है। गिरफ्तार नक्सलियों में 25 लाख रुपये के इनामी सात स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य, दस लाख के इनामी 39 जोनल कमांडर, 15 लाख के इनामी दो रिजनल कमांडर, पांच लाख के इनामी 78 सब जोनल कमांडर व दो लाख के इनामी 148 एरिया कमांडर शामिल हैं। इसी तरह आत्मसमर्पण करने वाले 170 नक्सलियों में 25 लाख के इनामी पांच स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य, दस जोनल कमांडर, छह रिजनल कमेटी सदस्य, 35 सब जोनल कमांडर व 25 एरिया कमांडर शामिल हैं। सात साल में 125 नक्सली मारे भी गए हैं।

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