लालू बनेंगे महागठबंधन के क्राइसिस मैनेजर, पकने लगी तीसरे मोर्चे की खिचड़ी
Lalu Prasad Yadav. कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे में हो रही चिकचिक के बीच महागठबंधन की पार्टियों में तालमेल बिठाने के लिए लालू प्रसाद यादव क्राइसिस मैनेजर की भूमिका में आ सकते हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। महागठबंधन की पार्टियों का आपसी तालमेल नहीं बैठने के पीछे बाबूलाल बड़ा कारण बनते जा रहे हैं। पार्टी के पास कुल मिलाकर दो विधायक हैं और तीन लोकसभा सीट की दावेदारी कर सबके लिए असहज स्थिति पैदा कर रहे हैं। ऐसी ही जिद के कारण पिछली बार भी झाविमो महागठबंधन का हिस्सा नहीं बन पाया था। अब इस पूरे प्रकरण में लालू को क्राइसिस मैनेजर के तौर पर देखा जा रहा है।
लालू झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के करीबी रहे हैं और राजद तो उनकी पार्टी है ही। रही बात झारखंड विकास मोर्चा की तो लालू यादव इसके आड़े आ रहे हैं। राज्य में विपक्षी दलों के गठबंधन का स्वरूप तय हो चुका है और सीटों में हेरफेर तो हो सकता है, संख्या में बदलाव के लिए कोई तैयार नहीं है। महज तर्को से किसी सीट पर दावेदारी कोई छोड़ने को तैयार नहीं। इसके लिए फॉर्मूला देना होगा और तमाम फॉमूलों में झाविमो के पास गोड्डा सीट नहीं आ रही है।
पिछले चुनाव में गोड्डा में मोर्चा के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे थे और कांग्रेस दूसरे नंबर पर। पूरे राज्य में एक सीट मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि को मिलेगा और इसके लिए गोड्डा पर कांग्रेस की दावेदारी है। फुरकान अंसारी वहां पहले भी सांसद रह चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि लालू एक बार फिर इस मुद्दे पर कांग्रेस के पक्ष में हैं। ऐसे में महागठबंधन से झाविमो को बाहर का रास्ता देखना पड़े तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। जमशेदपुर से लड़ सकते हैं डॉ. अजय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार जमशेदपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। यह सीट अभी तक झामुमो के कोटे में है लेकिन आपसी तालमेल से बदलाव होने की संभावना बनी हुई है।
मजाक में ही सही खुद झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने यह सीट डॉ. अजय को ऑफर की थी और इसके बाद से जमशेदपुर के पूर्व सांसद के समर्थक इस सीट के लिए मोर्चेबंदी में जुट गए हैं। डॉ. अजय और हेमंत सोरेन के बीच केमिस्ट्री ऐसी है कि दोनों एक-दूसरे की भावनाओं का कद्र करते रहे हैं।
पकने लगी तीसरे मोर्चे की खिचड़ी
राज्य में महागठबंधन की आपसी खींचतान के बीच तीसरे मोर्चे की खिचड़ी पकनी शुरू हो गई है। इसमें पक्ष-विपक्ष के वे दल शामिल हैं जिन्हें अपने सहयोगियों से तरजीह नहीं मिली है।विपक्ष से झारखंड विकास मोर्चा ताल ठोके हुए है तो सत्ता में शामिल आजसू भी अपनी नाराजगी जताने से गुरेज नहीं कर रहा। वामपंथी पार्टियां तो पहले ही महागठबंधन में ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ऐसे में इन पार्टियों के गठजोड़ की खिचड़ी बन रही है जिसके मूर्तरूप लेने में भले देर लगे, संभावनाएं कम नहीं हैं।
झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव ने सार्वजनिक तौर पर गोड्डा से चुनाव लड़ने घोषणा कर दी है। यह घोषणा महज विरोध नहीं बल्कि महागठबंधन से अलग होने की कोशिश भी है। वर्तमान परिस्थिति में कांग्रेस गोड्डा से दावेदारी छोड़ भी दे तो इसके बदले राजद को पलामू सीट देनी पड़ सकती है। इसके लिए झाविमो शायद ही तैयार हो। इससे खाई बढ़ेगी। झाविमो को दो से अधिक सीट देने के लिए गठबंधन की बड़ी पार्टियां तैयार नहीं हो रही हैं। दूसरा पहलू यह है कि अभी अधिक सीट के लिए दावा ठोक रहा झाविमो आगे चलकर विपक्ष के नेतृत्व का भी दावा ठोक सकता है। जो भी हो, प्रदीप यादव की घोषणा से विपक्ष का समीकरण तो गड़बड़ होता दिख ही रहा है।
आजसू ने हजारीबाग पर दावा ठोक समीकरण बिगाड़ा
आजसू पार्टी ने भाजपा की परंपरागत सीट हजारीबाग पर दावा ठोक कर सत्तापक्ष की मुसीबत बढ़ा दी है। यहां से पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा सांसद रह चुके हैं। वहीं वर्तमान में उनके पुत्र और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के पास यह सीट है। आजसू की इस दावेदारी से भाजपा सकते में है। इसके अलावा रांची और गिरिडीह में भी पार्टी दावेदारी कर रही है।
आजसू पार्टी जहां इसे लेकर संबंधित संसदीय सीटों के कार्यकर्ताओं के साथ लगातार रायशुमारी कर रही है, वहीं प्रभारियों की नियुक्ति कर प्रत्येक बूथों पर 25-25 सक्रिय कार्यकर्ता बनाने की जवाबदेही सौंप रही है। इस क्रम में पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में हजारीबाग संसदीय सीट के कार्यकर्ताओं के साथ रायशुमारी की।
उन्होंने राज्य सरकार में मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे वरिष्ठ नेता चंद्रप्रकाश चौधरी को हजारीबाग सीट का प्रभारी नियुक्त किया। बैठक में पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष सह राज्य सरकार के मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी, प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, रौशनलाल चौधरी, सुबोध प्रसाद, तिवारी महतो आदि भी उपस्थित थे। बता दें कि इससे पहले सुदेश रांची तथा गिरिडीह लोकसभा सीट में चुनाव लड़ने को लेकर यहां के कार्यकर्ताओं के साथ रायशुमारी कर चुके हैं।
देवघर रैली में फुरकान भी ठोकेंगे दावेदारी
कांग्रेस 13 फरवरी को देवघर में रैली करने जा रही है। इस रैली में पार्टी के वरीय नेताओं से लेकर प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह तक मौजूद रहेंगे। समझा जा रहा है कि इस रैली में फुरकान अंसारी भी पूरी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे ताकि उनकी टिकट फाइनल हो सके। फुरकान ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। दीगर है कि इस रैली से पहले फुरकान कांग्रेस के कार्यक्रमों को लेकर उतना सक्रिय नहीं रहे हैं।