महाधिवक्ता ने ली भाजपा विधायकों व पदाधिकारियों की क्लास

प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा भूमि अधिग्रहण पर तकनीकी जानकारी देने आए थे महाधिवक्ता।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jun 2018 01:35 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jun 2018 01:35 PM (IST)
महाधिवक्ता ने ली भाजपा विधायकों व पदाधिकारियों की क्लास
महाधिवक्ता ने ली भाजपा विधायकों व पदाधिकारियों की क्लास

राज्य ब्यूरो, रांची : भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर विपक्ष पर पलटवार के लिए बुलाई गई भाजपा विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की विशेष बैठक में महाधिवक्ता अजीत कुमार की उपस्थिति खासी चर्चा में रही। विपक्ष ने जहां इसे मुद्दा बनाया वहीं भाजपा ने उनकी उपस्थिति को सामान्य करार दिया। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि वे भूमि अधिग्रहण बिल पर तकनीकी जानकारी देने आए थे। कार्यशाला में केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत भी उपस्थित थे।

भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के तकनीकी पहलुओं को समझने के लिए प्रदेश भाजपा ने अपने विधायकों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के लिए शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया था। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की उपस्थिति में हुई इस अहम कार्यशाला में महाधिवक्ता अजीत कुमार ने भाजपा कार्यकर्ताओं को भूमि अधिग्रहण के तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया।

कहा, भूमि अधिग्रहण कानून ब्रिटिश काल से है। परंतु इस कानून ने उद्योग धंधे तो खड़े किए लेकिन उचित कानून के अभाव में आज भी लाखों लोग विस्थापन और पुर्नवास की समस्या से जूझ रहे हैं। कहा, यूपीए शासनकाल में ही भूमि अधिग्रहण का नया कानून 2013 में बना। राज्य सरकार ने आवश्यकतानुसार केवल आंशिक सरलीकरण ही किया है। जिससे विकास की प्रक्रिया को तेजी से लागू किया जा सके।

उन्होंने कहा कि इस कानून की धारा 10 में सामाजिक प्रभाव के कानून में सरलीकरण की आवश्यकता हुई क्योंकि यह लंबी प्रक्रिया थी। सरकार ने 10 (क) सरलीकरण के माध्यम से केवल सरकारी योजनाओं के लिए प्रक्रिया को सरल किया है। इस संशोधन से रैयत को शीघ्र मुआवजा प्राप्त होगा तथा योजनाएं भी धरातल पर उतरेंगी। राज्य सरकार ने इसके अतिरिक्त कोई परिवर्तन नहीं किया है। उन्होंने भाजपा नेताओं के कानून सरलीकरण से संबंधित प्रश्नों का उत्तर भी दिया।

बैठक में राज्य सरकार के मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, रणधीर सिंह, विधायक विमला प्रधान, राधाकृष्ण किशोर, मनीष जायसवाल, बिरंची नारायण, हरेकृष्ण सिंह, राज सिन्हा, योगेश्वर महतो, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र तिवारी, प्रिया सिंह, ऊषा पांडेय, प्रदीप वर्मा, आदित्य साहू, महामंत्री दीपक प्रकाश, अनंत ओझा, प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव, राजेश शुक्ला, दीनदयाल वर्णवाल, मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, सह मीडिया प्रभारी संजय जायसवाल, मोर्चा अध्यक्ष अमित कुमार, ज्योतिरीश्वर सिंह, नीरज पासवान, आरती सिंह, अमरदीप यादव सहित अन्य उपस्थित थे।

महाधिवक्ता भूमि अधिग्रहण से जुड़े तकनीकी पहलुओं पर जानकारी देने के लिए आए थे। तकनीकी बातों को समझना जरुरी है ताकि हम विपक्ष को जवाब दे सकें और विपक्ष राज्य की जनता को गुमराह न कर सके। राज्य सरकार से राय लेकर महाधिवक्ता को बुलाया जा सकता है।

लक्ष्मण गिलुवा, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा

विपक्ष ने जताई आपत्ति :

भाजपा के कार्यकर्ता हैं महाधिवक्ता : झामुमो

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने महाधिवक्ता के भाजपा कार्यालय में जाने की निंदा की है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भंट्टाचार्य ने कहा कि उनका कामकाज भाजपा कार्यकर्ता सरीखा है जबकि वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं। राज्य सरकार ने तमाम महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे ही लोगों को बिठा रखा है। अगर महाधिवक्ता एक दल के कार्यकर्ता की तरह काम करेगा तो राज्य की दशा-दिशा क्या होगी?

संवैधानिक पदों का भगवाकरण : कांग्रेस

झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने भी महाधिवक्ता के भाजपा दफ्तर में जाने पर आपत्ति जताई है। मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि यह संवैधानिक पदों का भगवाकरण है। महाधिवक्ता को इससे परहेज करना चाहिए। उन्होंने एक राजनीतिक दल के दफ्तर में जाकर मर्यादा पार की है। भाजपा ने पूरे राज्य में अराजक माहौल बना रखा है। अधिकारी भाजपा कार्यकर्ता के रोल में आ गए हैं।

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