हाई कोर्ट ने पूछा, खेल घोटाले की जांच में देरी के लिए जिम्मेदार कौन, देरी पर एसीबी के एडीजी तलब

हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए एसीबी के एडीजी को हाई कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है और पूछा है कि इस मामले की जांच में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 27 Sep 2018 10:53 AM (IST) Updated:Thu, 27 Sep 2018 12:13 PM (IST)
हाई कोर्ट ने पूछा, खेल घोटाले की जांच में देरी के लिए जिम्मेदार कौन, देरी पर एसीबी के एडीजी तलब
हाई कोर्ट ने पूछा, खेल घोटाले की जांच में देरी के लिए जिम्मेदार कौन, देरी पर एसीबी के एडीजी तलब

रांची, राज्य ब्यूरो । हाई कोर्ट ने 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले की जांच में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामले की जांच पिछले सात साल से चल रही है, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हो पाई है। ऐसा लग रहा है कि मामले की जांच सही तरीके से नहीं हो रही है। क्या इसके लिए एसीबी सक्षम नहीं है क्या? क्यों नहीं इस मामले की जांच सक्षम एजेंसी से कराई जाए।

कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए एसीबी के एडीजी को हाई कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है और पूछा है कि इस मामले की जांच में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है। राष्ट्रीय खेल घोटाले के आरोपित मधुकांत पाठक की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आनंद सेन के कोर्ट ने उक्त टिप्पणी की। तीन अक्टूबर को एसीबी के एडीजी को कोर्ट में हाजिर होना है।

सुनवाई के दौरान वादी की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने कोर्ट को बताया कि खेल घोटाला मामले में सीधे तौर पर उनका नाम नहीं है, क्योंकि टेंडर कमेटी में अन्य लोग भी थे और वह अकेले निर्णय लेने वाले नहीं है। इसलिए एसीबी की कार्रवाई उचित नहीं है। अगर अनियमितता हुई है तो पूरी टेंडर कमेटी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

इसके बाद कोर्ट ने एसीबी से पूछा कि टेंडर कमेटी में कितने सदस्य थे। जब टेंडर कमेटी ने गड़बड़ी की है, तो सभी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। एसीबी की ओर से अधिवक्ता टीएन वर्मा ने अदालत को बताया कि टेंडर कमेटी के तीन सदस्यों पर कार्रवाई की गई। बाकी के खिलाफ नोटिस जारी की गई है। जिसमें से कुछ ने एसीबी में अपना पक्ष रखा है। 

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