हजारीबाग के 7000 महिला कृषकों का समूह, 90 लाख रुपये का ड‍िज‍िटल पेमेंट कर देश में बना नंबर वन

Hazaribagh Women Farmers Group हजारीबाग (Hazaribagh) जिले के उग्रवाद प्रभावित चुरचू की 7000 महिला किसानों के समूह (Women Farmers Group) (एफपीओ) की सफलता की कहानी देश के लिए उदाहरण बन गई है। नरेंद्र स‍िंंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने Churchu Nari Energy Farmer Producer Company की कहानी सुनी।

By Sanjay KumarEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 09:53 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 09:53 AM (IST)
हजारीबाग के 7000 महिला कृषकों का समूह, 90 लाख रुपये का ड‍िज‍िटल पेमेंट कर देश में बना नंबर वन
Hazaribagh Women Farmers Group : हजारीबाग के 7000 महिला कृषकों का समूह

हजारीबाग, जागरण संवाददाता। Hazaribagh Women Farmers Group : हजारीबाग (Hazaribagh) जिले के उग्रवाद प्रभावित चुरचू की 7000 महिला किसानों के समूह (Women Farmers Group) (एफपीओ) की सफलता की कहानी देश के लिए उदाहरण बन गई है। स्वयं केंद्रीय कृषि मंत्री (Union Agriculture Minister) नरेंद्र स‍िंंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने वीडियो कांफ्रेंस‍िंंग के माध्यम से चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (Churchu Nari Energy Farmer Producer Company) की सफलता की कहानी सुनी।

मौका था लघु किसान कृषि व्यापार मंडल (Small Farmers Agribusiness Board) (एसएफएसी) के स्थापना दिवस का, जिसमें देश भर के कृषि विशेषज्ञ, फार्मर प्रोड्यूस आर्गेनाइजेशन (एफपीओ), मंत्रालय के अधिकारी और केंद्रीय कृषि मंत्री मौजूद थे।

कहानी बताई तो कृषि मंत्री भी सराहे बिना नहीं रह सके

कृषि पोर्टल ई-नाम के माध्यम से 92 लाख रुपये का डिजिटल पेमेंट कर देश में लघु श्रेणी में नंबर एक बनी चुरचू नारी ऊर्जा की निदेशक लालमुनी मरांडी ने जब एक-एक महिलाओं के जोड़ने की कहानी बताई तो कृषि मंत्री भी इसे सराहे बिना नहीं रह सके।

पहले की तुलना में 25 प्रतिशत ज्यादा होता है मूल्य प्राप्त

लालमुनी ने बताया कि ई-नाम से पहले उनके कृषि उत्पाद को खरीदने वाला कोई नहीं था। व्यापारी पैसे नहीं देते थे। माल लौटा देते थे। मनमानी करते थे। पैसे के लिए एक माह तक इंतजार करना पड़ता था। अब हम 7000 महिला किसान स्वयं मालिक बन गई हैं। 24 घंटे के अंदर भुगतान होता है। पहले की तुलना में 25 प्रतिशत ज्यादा मूल्य प्राप्त होता है।

जब फसल खराब हो रही थी तब घर बैठे किया कारोबार

लालमुनी ने बताया कि लाकडाउन के दौरान जब फसल खराब हो रही थी तो हमलोगों ने घर बैठे कारोबार किया। आलू, तरबूज, धान की खरीद बिक्री की। डिजिटल भुगतान हुआ। बिना मंडी गए किसानों को एकाउंट में पैसा आ गया।

जनवरी 2020 से कंपनी ई-नाम से व्यापार शुरू किया और अब तक एक करोड़ दो लाख रुपये का कारोबार कंपनी इसके माध्यम से कर चुकी है, जिसमें 92 लाख रुपये का डिजिटल भुगतान है। इसमें विशेषकर कृषि बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह का विशेष सहयोग मिला।

जिनके खेत नहीं वे कर रही हैं बकरी, सुकर पालन

कृषि मंत्री को लालमुनी ने बताया कि हमारी कंपनी में 2400 दीदियां अंशधारक बन चुकी हैं। इनकी कुल अंशपूंजी 18 लाख रुपये कंपनी में जमा हैं। साथ ही जिन दीदियों के पास खेत नहीं है। उन्हें बकरी, सुकर और मछली पालन जैसे कारोबार से जोड़ा गया है। हमें झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से सहयोग मिला है और अब हमें बीज, खाद का लाइसेंस भी प्राप्त हो गया है।

10 महिलाओं के समूह से शुरू किया था काम 

देश में नंबर वन एफपीओ बनी चुरचू नारी ऊर्जा को ऐसे ही मुकाम नहीं मिला। इसके पीछे महिलाओं के संघर्ष की कहानी है। लालमुनी बताती हैं कि जब घर की दहलीज के बाहर कदम रखा तो काफी डरी -सहमी थी। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र था। शाम ढलते ही घरों के दरवाजे बंद हो जाते थे। लेकिन, किसी एक को तो आगे आना था। इसी सोच के साथ शुरुआत की। वर्ष 2017 में दस दीदियों का समूह बनाया। एक-एक पंचायत की महिलाओं को जोड़ा, जिसे जो काम आता था उन्हें करने को बोला और 2018 में कंपनी खड़ी की। ट्रैक्टर चलाने तक का प्रशिक्षण लिया। हम सभी महिलाओं की मेहनत का ही नतीजा है कि हम इस मुकाम पर पहुंच गए हैं।

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