CUET: कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट पर राज्यपाल ने खड़े किए सवाल... कहा, परीक्षा पैटर्न के बारे में कोई स्पष्टता नहीं

Common University Entrance Test राज्यपाल रमेश बैस ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखा पत्र। राज्यपाल ने पत्र में कहा है कि झारखंड के विद्यार्थी सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े इस कारण हो रही परेशानी। परीक्षा शुल्क देना छात्राओं के लिए मुश्किल हो सकती हैं ड्राप आउट।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Sat, 21 May 2022 05:56 PM (IST) Updated:Sat, 21 May 2022 05:57 PM (IST)
CUET: कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट पर राज्यपाल ने खड़े किए सवाल... कहा, परीक्षा पैटर्न के बारे में कोई स्पष्टता नहीं
CUET: कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट पर राज्यपाल ने खड़े किए सवाल... कहा, परीक्षा पैटर्न के बारे में कोई स्पष्टता नहीं

रांची, राज्य ब्यूरो। Common University Entrance Test झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड के विश्वविद्यालयों में कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) से नामांकन में हो रही परेशानी से अवगत कराते हुए इसपर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। इसे लेकर उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को विद्यार्थियों की समस्याओं की भी जानकार दी है।

कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट का मुद्दा

राज्यपाल ने अपने पत्र में झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में सत्र 2022-23 में स्नातक के लिए कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) लागू करने में हो रही कठिनाइयां खासकर विद्यार्थियों की होनेवाली समस्याओं की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए वर्तमान सत्र से राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक में नामांकन सीयूईटी के माध्यम से लेना संभव प्रतीत नहीं होता है। राज्यपाल ने केंद्रीय मंत्री से झारखंड के जनजातीय विद्यार्थियों की वास्तविक व व्यावहारिक समस्या को देखते हुए शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से सीयूईटी को लागू करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पत्र का हवाला दिया

उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष द्वारा भेजे गए उस पत्र का हवाला दिया है, जिसमें झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्नातक में नामांकन शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सीयूईटी के माध्यम से लेने को कहा गया है। राज्यपाल ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि इस पत्र के आलोक में उनके द्वारा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग को यूजीसी के उक्त दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्नातक में विद्यार्थियों के नामांकन के लिए सीयूईटी लागू करने में हो रही कठिनाइयों के संदर्भ में जानकारी दी।

सीयूईटी परीक्षा के लिए पैटर्न के बारे में कोई स्पष्टता नहीं

विश्वविद्यालयों द्वारा कहा गया है कि झारखंड राज्य के अधिसंख्य विद्यार्थियों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि बेहतर नहीं है। विशेष रूप से जनजाति और पिछड़े समुदायों की छात्राएं सीयूईटी के लिए आवेदन शुल्क (लगभग 500-600 रुपये ) वहन करने की स्थिति में नहीं हैं। इससे ड्राप आउट मामलों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। राज्यपाल ने यह भी कहा है कि सीयूईटी परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 22 मई है, लेकिन अभी भी परीक्षा के पाठ्यक्रम और परीक्षा के स्वरूप (पैटर्न) के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है।

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