Jharkhand News: जानिए, झारखंड सरकार में परिणामी वरीयता मिलने से किस तरह पीछे रह जाएंगे पिछड़ा वर्ग के कर्मचारी

Jharkhand News अनारक्षित वर्ग को उतना नुकसान नहीं। पिछड़ा वर्ग के कई कर्मियों को सेवा में एक ही बार प्रोन्नति के आसार। पहले से तैयार रोस्टर भी ध्वस्त होने का खतरा। अनारक्षित वर्ग को भी पिछड़ा वर्ग से कम होगा नुकसान।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Sat, 26 Feb 2022 11:23 PM (IST) Updated:Sat, 26 Feb 2022 11:24 PM (IST)
Jharkhand News: जानिए, झारखंड सरकार में परिणामी वरीयता मिलने से किस तरह पीछे रह जाएंगे पिछड़ा वर्ग के कर्मचारी
Jharkhand News: झारखंड सरकार नया विधेयक लाने की तैयारी में है।

राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कर्मियों को प्रोन्नति में अधिक लाभ दिलाने के लिए कैबिनेट ने परिणामी वरीयता देने का जो फैसला लिया है उससे कहीं ना कहीं, पिछड़ा वर्ग के कर्मी सर्वाधिक नुकसान में रहेंगे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में यह भी निर्णय लिया है कि किसी भी स्थिति में आरक्षित वर्ग प्रोन्नति के मामलों में 50 प्रतिशत से अधिक लाभ नहीं दिया जा सकेगा। ऐसे में अगर पिछड़े वर्ग के लोग कहीं आगे भी रहे तो दूसरी प्रोन्नति के साथ ही हमेशा के लिए पीछे चले जाएंगे। सरकार के इस निर्णय का अभी से विरोध शुरू हो गया है। देखने में नुकसान सामान्य वर्ग का भी लग रहा है लेकिन सामान्य वर्ग के उन लोगों को हित बचा रह जाता है जो वरीयता में ऊपर हैं और जिन्हें अगली प्रोन्नति तक एससी-एसटी से वरीयता में ऊपर का क्रम मिला हुआ है।

ऐसे समझिए नुकसान

वर्तमान में अगर सौ लोगों की नियुक्ति होती है तो इनमें से 50 अनारक्षित वर्ग के होते हैं, 14 पिछड़ा वर्ग के और 36 एससी-एसटी बिरादरी के। परिणामी वरीयता लागू होने के बाद पहली बार प्रोन्नति मिलने के मामले में 36 फीसद एससी-एसटी बिरादरी के होंगे और 64 प्रतिशत सामान्य वर्ग। नियुक्ति में जिनकी गणना पिछड़ा वर्ग के तहत होती है उन्हें प्रोन्नति में आरक्षित वर्ग का लाभ नहीं मिलकर सामान्य वर्ग में ट्रीट किया जाता है। अब जब पहली प्रोन्नति का अवसर आएगा तो सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आधा हिस्सा सुरक्षित रहेगा और शेष को उनके हिस्से की जगह मिलेगी। 50 में से 32 लोगों को अनारक्षित वर्ग के तहत प्रोन्नति मिलेगी और एसटी बिरादरी से 13 व्यक्ति को प्रोन्नति मिलेगी तो एससी बिरादरी से 5 लोगों को। ओबीसी बिरादरी में जो लोग आएंगे वे निश्चित तौर पर वरीयता में सामान्य वर्ग के कर्मियों के नीचे होते हैं। ऐसे में सामान्य वर्ग के ऊपर ओबीसी वर्ग के किसी व्यक्ति को लाभ मिलने की उम्मीद कम ही होती है। दूसरी और तीसरी प्रोन्नति में भी पिछड़ा वर्ग के लोगों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। लगातार तीन प्रोन्नतियों में पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या शून्य होगी।

पंचायत चुनाव में भी आरक्षण से वंचित रहा यह वर्ग

राज्य में पंचायत चुनाव की तैयारियां करा ली गई हैं और इसके तहत मिलनेवाले आरक्षण में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। राज्य सरकार इस वर्ग को बिना आरक्षण दिए ही चुनाव कराने का मन बना चुकी है। इसके लिए अभी तिथियां निर्धारित होनी हैं।

हेमंत सोरेन सरकार से नये विधेयक पर पुनर्विचार की मांग

राष्ट्रीय सदान विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहु कहते हैं कि सरकार के द्वारा लाई जा रही प्रोन्नति से संबंधित विधेयक पिछड़े वर्ग के हितों के प्रतिकूल है। पूर्व से ही पिछड़े वर्गों को प्रोन्नति में कम अवसर प्राप्त होता रहा है । नये विधेयक में उसको लगभग समाप्त ही कर दिया गया है । सरकार पुनर्विचार करे।

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