तीन दिन में डाक्टर ने 80 मरीजों को लिखी इको जांच, मशीन खराब, बाहर का करना पड़ रहा रुख

राजेंद्र इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में कई तरह की जांच होती है। लेकिन कई मशाीनें खराब हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 07:33 AM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 07:33 AM (IST)
तीन दिन में डाक्टर ने 80 मरीजों को लिखी इको जांच, मशीन खराब, बाहर का करना पड़ रहा रुख
तीन दिन में डाक्टर ने 80 मरीजों को लिखी इको जांच, मशीन खराब, बाहर का करना पड़ रहा रुख

जागरण संवाददाता, रांची : राजेंद्र इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में कई तरह की जांच में मरीजों के पसीने छूट रहे है। जांच के अधिकांश उपकरण अस्पताल में या तो खराब पड़े हैं या ऐसी स्थिति है जो इस्तेमाल के लायक नहीं है। अल्ट्रासाउंड की समस्या तो पिछले दो सालों से रिम्स में है ही, अब इको मशीन के खराब होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। करीब छह माह से इकोकार्डियोग्राफी मशीन खराब पड़ी है। जबकि दिल के रोगियों के लिए यह जांच काफी जरूरी है। दिन भर में कार्डियोलॉजी ओपीडी में 80 से 100 मरीज पहुंचते हैं चिकित्सक सभी को इको जांच लिखते हैं। रिम्स की मशीन खराब होने के कारण मरीजों को हैल्थमैप की ओर रूख करना पड़ता है। जहां दिन भर में सीमित मरीजों की ही जांच हो पाती है। जानकारी के अनुसार, पिछले तीन दिनों में कार्डियोलॉजी विभाग में 80 से ज्यादा मरीजों को इकोकार्डियोग्राफी जांच लिखी गई, जबकि मुश्किल से 30 के करीब रोगियों की जांच हो सकी। यहीं नहीं शाम पांच बजे के बाद उक्त जांच हैल्थमैप में भी नहीं होता। मरीजों को अगले दिन आने के लिए कहा जाता है।

इधर, रिम्स में मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था तो है, लेकिन जांच कराने के लिए 15 दिन बाद का नंबर देने का सिलसिला अब भी जारी है। अल्ट्रासाउंड कक्ष में दो मशीनें थीं, जिसमें से कई साल से एक मशीन खराब है। दूसरी भी अधिकांश समय बंद ही पड़ जाती है। नतीजन मरीजों को बाहरी जांच घर का सहारा लेना पड़ता है। रिम्स में साल 2019 में इसके लिए टेंडर निकालने की बात भी चल रही थी, लेकिन प्रक्रिया शुरू होती उससे पहले ही रुक गई। अल्ट्रासाउंड तो बस उदहारण है, यहां कैथलैब मशीन भी महीने में 20 दिन खराब पड़ी रहती है। बीते शुक्रवार को भी मरीज के एंजियोप्लास्टी के दौरान ही कैथलैब खराब हो गई थी।

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सीटी स्कैन, कैथलैब व एमआरआइ मशीन खरीद को लेकर देा महीने पहले हुई थी बैठक

रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में कैथलैब मशीन और रेडियोलॉजी विभाग के सीटी स्कैन व एमआरआई मशीन की खरीद को लेकर क्रय समिति की बैठक दो माह पूर्व ही प्रशासनिक भवन में हुई थी। बैठक में क्रय से संबंधित विभिन्न बिदुओं पर विचार करने के बाद क्रय समिति की सहमति से निर्णय लिया गया कि सरकार की जेम पोर्टल द्वारा सीटी स्कैन समेत अन्य मशीनों की खरीद की जाएगी। सीटी स्कैन मशीन जेम पोर्टल से क्रय के लिए निविदादाताओं को निविदा भरने के लिए 15 दिनों का समय निर्धारित की गई। लेकिन किसी भी एजेंसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद सप्ताह भर पूर्व भी टेंडर निकाला गया, इसमें भी कोई एजेंसी सामने नहीं आई।

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