अवैध क्रशर पर रोक लगाने में टास्क फोर्स अक्षम : हाई कोर्ट

क्रशर के खिलाफ कार्रवाई की दलील सही नहीं, टास्क फोर्स को मिले समुचित पावर। -अवैध खनन व अवैध

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Jul 2018 09:21 AM (IST) Updated:Fri, 20 Jul 2018 09:21 AM (IST)
अवैध क्रशर पर रोक लगाने में टास्क फोर्स अक्षम : हाई कोर्ट
अवैध क्रशर पर रोक लगाने में टास्क फोर्स अक्षम : हाई कोर्ट

-क्रशर के खिलाफ कार्रवाई की दलील सही नहीं, टास्क फोर्स को मिले समुचित पावर

-अवैध खनन व अवैध क्रशर पर रोक लगाने का मामला

राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट में राज्य में पहाड़ों के अवैध खनन व अवैध क्रशर के संचालन पर रोक की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि कई अवैध क्रशर को सील किया गया। कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ वाहनों को भी जब्त किया गया। अवैध माइनिंग के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसपर जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार ने इतने काम किए हैं तो फिर अवैध माइनिंग एवं अवैध क्रशर का संचालन क्यों नहीं रूक रहा है। इनके खिलाफ कार्रवाई करने की सरकार की दलील सही प्रतीत नहीं हो रही है। ऐसा लगता है कि स्टेट टास्क फोर्स एवं डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स सही तरीके से काम नहीं कर रही है। या तो टास्क फोर्स इन्हें रोकने में अक्षम है या उनके पास पर्याप्त मशीनरी नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि कभी-कभी यह भी देखा गया है कि टास्क फोर्स के लोग अवैध क्रशर के खिलाफ कार्रवाई के लिए जाते हैं तो वहां लोगों के विरोध के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ता है। इसका मतलब है कि इनके पास पर्याप्त पावर नहीं है। टास्क फोर्स को समुचित पावर दिया जाना चाहिए ताकि अवैध माइनिंग और अवैध क्रशर के संचालन को रोकने के लिए सही ढंग से काम कर सकें।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को सुझाव दिया कि पुलिस के पास कानून-व्यवस्था के साथ-साथ कई अन्य काम होते हैं, ऐसे में इन सबके रोकथाम के लिए एक अलग से फोर्स होना चाहिए।

कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अवैध माइनिंग एवं अवैध क्रशर के संचालन को रोकने के लिए डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स और कैसे बेहतर ढंग से काम करे इस पर विचार करें। वहीं, केंद्र सरकार से लघु खनिज के लिए जिला सर्वे रिपोर्ट बनाने के लिए यूनिफॉर्म गाइड लाइन का नोटिफिकेशन कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कहा कि बोर्ड में जो भी नियुक्तियां होनी है, उनकी सेवा शर्त नियमावली बनाकर जल्द से जल्द राज्य सरकार को भेजें। कोर्ट ने इस मामले में न्याय मित्र को निर्देश दिया कि राज्य सरकार के शपथ पत्र के आलोक में जवाब दाखिल करें कि क्यों नहीं स्टेट टास्क फोर्स एवं डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स सही ढंग से काम कर पा रहे हैं।

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