हर्बल टी के शौकीन हैं यहां के युवा

पिछले कुछ सालों में ग्रीन टी के सेल्स फीगर में एक बार फिर से इजाफा हुआ है। ऐसा इसलिए कि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक हुए हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 30 May 2018 04:51 PM (IST) Updated:Wed, 30 May 2018 05:16 PM (IST)
हर्बल टी के शौकीन हैं यहां के युवा
हर्बल टी के शौकीन हैं यहां के युवा

जागरण संवाददाता, रांची। ग्रीन टी कहें या फिर हर्बल टी। विज्ञापन की दुनिया के लिए यह शब्द नया या फिर इन दिनों प्रचलित बहुत हो, लेकिन रांची के बाजार में ग्रीन टी की चमक सबसे ज्यादा रही है। बात आज की नहीं है, उन दिनों की जब रांची में अंग्रेजों का आना जाना काफी था। ग्रीन टी का सेल्स फीगर उन दिनों में ब्लैक टी से कम नहीं था। शौकीनों की कमी रांची के बाजार में कभी नहीं थी। आजादी के पहले से अपर बाजार में कई दुकानें थोक में खुली ग्रीन टी की बिक्री करते थे। पैकेट और ब्रांडिंग के दौर में उनकी दुकान तो बंद हो गई, लेकिन आज भी पैकेट टी के कल्चर में ग्रीन टी की मांग रांची में अच्छी खासी है।

ब्लैक टी का जहां बाजार 72 प्रतिशत है, वहीं ग्रीन टीम 25 प्रतिशत है। अन्य प्रकार के चाय करीब 3 प्रतिशत बिकते हैं। खुले चाय की बिक्री भी सिमट कर सिर्फ चार से पांच प्रतिशत तक आ चुकी है। ग्रीन टी में अब बडे़ ब्रांड और कुछ विदेशी ब्रांड के चायों की बिक्री ज्यादा होती है। खुले में भी दार्जलिंग की ग्री टी बाजार में उपलब्ध है, लेकिन उनकी बिक्री आज के समय में न के बराबर ही होती है। पिछले कुछ दिनों में ग्रीन टी के सेल्स फीगर में कमी आई, लेकिन इन दिनों एक बार फिर बाजार में ग्रीन टी छा चुका है।

कभी खूब बिकती थी ग्रीन टी
अपर बाजार के खुला चाय कारोबारी संजय जायसवाल बताते हैं, रांची में ग्रीन टी की मांग सबसे ज्यादा रही है। आज से नहीं काफी पहले से। हां, फर्क बस इतना पड़ा है कि अब खुले चाय के बजाए पैकेट वाले वाले ग्रीन टी ज्यादा बिकने लगे हैं। पहले सरकारी अफसर, आर्मी, पर्यटक, होटलों और रेस्तरांओं में सबसे ज्यादा ग्रीन टी की बिक्री होती थी। लोग अपने घरों में शाम की स्पेशल चाय के लिए ग्रीन टी ही ले जाया करते थे। बात ज्यादा पुरानी नहीं है। ग्रीन टी की मांग तो पहले से काफी थी, लेकिन 1995 से लेकर 2000 तक खुले ग्रीन टी की मांग खूब होती थी। फिर उसके बाद शहर में भीड़ बढ़ी। महंगाई भी। साथ में लोगों का टेस्ट भी बदलना पड़ा, लेकिन पिछले कुछ सालों में ग्रीन टी के सेल्स फीगर में एक बार फिर से इजाफा हुआ है। ऐसा इसलिए कि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक हुए हैं।

कीमत में काफी अंतर
एक ओर जहां सामान्य चायपत्ती अपको 300 से 400 रुपये किलो के हिसाब से बाजार में उपलब्ध हैं, वहीं ग्रीन टी की शुरुआत 800 रूपये किलो से होती है। बाजार में 1500 रूपये किलो के हिसाब से बिकने वाली चाय पत्ती भी बाजार में उपलब्ध है। हालांकि, उनकी बिक्री न के बराबर ही होती है।

ग्रीन टी से फायदा
1. ग्रीन टी में मौजूद एंटीआक्सीडेंट शरीर के फ्री रेडीकल्स को नष्ट कर इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इससे शरीर में बीमारियां होने का खतरा कम होता है और शरीर रोग मुक्त होता है।

2. हाल ही में सामने आए कई शोध और अध्ययनों के नतीजों में सामने आया है कि ग्रीन टी कैंसर से लड़ने में बहुत कारगर है। कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।

3. ग्रीन टी पीने से शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा संतुलित रहती है। ग्रीन टी खून को पतला बनाए रखती है जिससे खून का थक्का नहीं बन पाता। ग्रीन टी पीने से हार्ट अटैक आशका बहुत कम रहती है।

4. इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण लीवर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं। इससे मेटाबॉलिच्म का स्तर बढ़ता है। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन खर्च करने की गति भी बढ़ जाती है। इसके कारण वजन कम होता है।

5. जापान शोधकर्ताओं की मानें तो ग्रीन टी में मौजूद तत्व एलर्जी पैदा करने वाले सेल रिसेप्टर को रोकने में भी मददगार होते हैं। किसी भी तरह की एलर्जी को दूर रखने के लिए भी ग्रीन टी का सेवन फायदेमंद है।

स्वास्थ्य के लिए ग्रीन टी फायदेमंद है। हालांकि, इसका ज्यादा डोज नुकसान भी कर सकता है। इसलिए दिन में एक ही इसका सेवन करें।-डॉ. उमेश कुमार, रिम्स

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