बेटी के लिए अंतिम कर्तव्य निभाकर पिता भी चल बसे

बेटी की मौत की सूचना पर पहुंचे पिता हृदयाघात से खुद भी चल बसे।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Fri, 14 Jul 2017 12:15 PM (IST) Updated:Fri, 14 Jul 2017 12:15 PM (IST)
बेटी के लिए अंतिम कर्तव्य निभाकर पिता भी चल बसे
बेटी के लिए अंतिम कर्तव्य निभाकर पिता भी चल बसे

जागरण संवाददाता, रांची। डोरंडा के चमनिया मैदान के नजदीक रहमत कॉलोनी स्थित ससुराल में विवाहिता शाइस्ता हशमत (24) की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत की सूचना पर पहुंचे पिता मोहम्मद हशमत अली ओला ने ससुरालवालों पर दहेज हत्या की प्राथमिकी दर्ज करा दी और इसी दौरान हृदयाघात से खुद भी चल बसे। वे बिहार के मुंगेर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के शाह जुबैर रोड के निवासी थे।

हृदयाघात के बाद उन्हें गंभीर हालत में उन्हें राज अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया। देर रात दोनों के शव मुंगेर ले जाया गया। मृतका के भाई अबु सालेह नासिर ने बताया कि बहन की मौत की सूचना पर वे अपने पिता के साथ रांची पहुंचे थे। मृतका के ससुराल के लोगों ने बताया कि सभी लोग बाजार के लिए शाम करीब साढ़े सात बजे निकले थे।

शाइस्ता घर में अकेली थी। जब वे लोग रात करीब साढ़े ग्यारह बजे घर पहुंचे तो पाया कि वह अपने कमरे में पंखे से दुपट्टे के सहारे फांसी लगा ली थी। भाई ने बताया कि हत्या की इस घटना को खुदकुशी का रूप दिया जा रहा है। भाई के अनुसार शाइस्ता के ससुर हमेशा एडीएम से सेवानिवृत्त होने का धौंस दिखाते थे।

दहेज नहीं देने पर की हत्याः

अपनी बेटी शाइस्ता हशमत (24) की संदिग्ध मौत के मामले में डोरंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी में पिता ने ससुराल के सभी लोगों पर शाइस्ता की हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई है। हालांकि, थोड़ी ही देर बाद सदमे में वे भी चल बसे। उन्होंने बताया कि 27 दिसंबर 2015 को उनकी बेटी की शादी अफताब अहमद से हुई थी।

उन्होंने सामर्थ के अनुसार दहेज दिए। ससुराल जाने के कुछ दिन बाद ही दामाद अफताब अहमद, समधी अहमद हुसैन (सेवानिवृत्त एडीएम), समधन शाहीना व उनके छोटे बेटे अन दलीब उनकी पुत्री (शाइस्ता) से 15 लाख रुपये दहेज में लाने को लेकर गाली-गलौज व मारपीट करते थे, नहीं देने पर हत्या कर दी।

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