मुंह बिचकाके पूर्व मंत्री ने पूछा-कौन सा मंतर है कि सबकुछ बदल देंगे, कोई कैप्सूल खिलांएगे क्‍या?

सीपी सिंह ने मंत्री बन्ना गुप्ता का हवाला देते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री का नाम लेते हैैं यह सही भी है। हाथी के पांव में सबका पांव होता है। मंत्री बदले लेकिन अधिकारी-सचिव वही हैं

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 14 Mar 2020 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 14 Mar 2020 07:03 PM (IST)
मुंह बिचकाके पूर्व मंत्री ने पूछा-कौन सा मंतर है कि सबकुछ बदल देंगे, कोई कैप्सूल खिलांएगे क्‍या?
मुंह बिचकाके पूर्व मंत्री ने पूछा-कौन सा मंतर है कि सबकुछ बदल देंगे, कोई कैप्सूल खिलांएगे क्‍या?

रांची, राज्य ब्यूरो। विधानसभा में शुक्रवार को सदन की व्यवस्था को लेकर सीपी सिंह ने सवाल उठाए। उन्होंने आसन को इंगित करते हुए विधानसभा की नियमावली का हवाला दिया। कहा कि सदन में अल्पसूचित प्रश्नों के लिए 20 मिनट और तारांकित प्रश्नों के लिए 40 मिनट निर्धारित है, लेकिन समय सीमा ज्यादा खिंच रही है। ज्यादातर नए सदस्य तारांकित प्रश्न करते हैैं और उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है। सीपी सिंह ने मंत्री बन्ना गुप्ता की बातों का हवाला देते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री का नाम लेते हैैं और यह सही भी है। हाथी के पांव में सबका पांव होता है। मंत्री बदल गए, लेकिन अधिकारी-सचिव वही हैं।

सीपी सिंह ने सवाल उठाया कि सत्ता पक्ष के पास कौन सा मंतर है कि सबको बदल देंगे। या कोई कैप्सूल है कि सबको खिलाकर बदल देंगे। सीपी सिंह ने गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि नया सदस्य होने के बावजूद उन्होंने व्यवस्था की खामियों को बहुत अच्छे अंदाज में प्रस्तुत किया। स्टीफन मरांडी ने सीपी सिंह के व्यवस्था संबंधी सवाल पर कहा कि टाइम लिमिट ठीक है, लेकिन व्यवस्था के नाम पर आप खुद अव्यवस्था नहीं कर सकते।

सड़क दुर्घटना पर तीन माह में बनेगी नीति, निजी अस्पतालों में भी हो सकेगा इलाज

सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल इलाज की सुविधा मुहैया हो सके, इसके लिए राज्य सरकार अगले तीन माह में एक स्पष्ट नीति बनाएगी। विधानसभा में भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने यह जानकारी सदन को दी। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति का इलाज निजी अस्पतालों में भी हो सके, इस बाबत भी नीति में प्रावधान किया जाएगा। विनोद सिंह ने अल्पसूचित प्रश्न काल के दौरान सड़क दुर्घटना में घायल नागरिकों के इलाज की सुविधा का मामला उठाते हुए कहा कि तत्काल इलाज न होने से असमय लोगों की मौत हो जाती है। सिर्फ रांची में ही 448 मौतें हुईं हैं। उन्होंने चौपारण, बरही, चिरकुंंडा में ट्रामा सेंटर बनाए जाने का सुझाव दिया।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुलेंगे ट्रामा सेंटर

मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा परिषद बनाया है। दिल्ली मॉडल की तर्ज पर अगले तीन माह में इस संदर्भ में विस्तृत नीति बनाई जाएगी। जिसमें निजी अस्पतालों में भी तत्काल इलाज की सुविधा को शामिल किया जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि न्यायालय ने भी कहा है कि दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति का तत्काल इलाज बिना पूछे होना चाहिए। कहा, राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रामा सेंटर शुरू किए जाएंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सभी तरह के उपकरणों से लैस दस एंबुलेंस तैनात की गई है, जिनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

बोले झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार, सत्ता परिवर्तन हुआ है तो व्यवस्था परिवर्तन भी होना चाहिए

गिरिडीह मुख्यालय में ट्रामा सेंटर की मांग कर रहे झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सरकार के जवाब से असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन हुआ है तो व्यवस्था परिवर्तन भी होना चाहिए। सरकार के उत्तर पर उसी अंदाज में जवाब दिया कि उत्तर आंशिक स्वीकारात्मक है। ट्रामा सेंटर का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जाने पर कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि जवाब भारत की सरकार दे रही है या झारखंड की सरकार। सुदिव्य कुमार के तीखे सवालों के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम गेंद दूसरे पाले में नहीं फेंक रहे हैं। भारत सरकार को 12 ट्रामा सेंटर का प्रस्ताव भेजा गया है। इसका यह मतलब कतई नहीं है कि सरकार गंभीर नहीं है। अभी मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। हम आपके सुझावों पर गंभीरतापूर्वक कार्य करेंगे। संसाधनों की कमी है, जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

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