पूर्व प्रधान आयकर आयुक्त तापस दत्ता पर अब ईडी ने दर्ज किया केस

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आयकर के पूर्व प्रधान आयुक्त तापस दत्ता पर केस दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Jan 2019 05:54 AM (IST) Updated:Sat, 26 Jan 2019 05:54 AM (IST)
पूर्व प्रधान आयकर आयुक्त तापस दत्ता पर अब ईडी ने दर्ज किया केस
पूर्व प्रधान आयकर आयुक्त तापस दत्ता पर अब ईडी ने दर्ज किया केस

रांची, राज्य ब्यूरो। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आयकर के पूर्व प्रधान आयुक्त तापस दत्ता पर केस दर्ज किया है। दत्ता पर फर्जी कंपनी बनाकर हवाला के जरिये करोड़ों रुपये की काली कमाई व अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। ईडी ने दर्ज प्राथमिकी में दत्ता के अलावा आयकर विभाग से जुड़े तरूण, विनोद, सुनील कुमार, रंजीत कुमार व अन्य व्यवसायियों को आरोपित किया है।

दत्ता पर जुलाई 2017 में ही सीबीआइ दिल्ली ने प्राथमिकी दर्ज की थी। उन्हें विभाग ने निलंबित भी कर दिया था। उनके विरुद्ध सितंबर 2017 में सीबीआइ चार्जशीट भी दाखिल की थी। जुलाई 2017 में ही सीबीआइ की छापेमारी में दत्ता के कोलकाता के साल्टलेक, एचबी 12/1 ब्लॉक स्थित घर पर तलाशी के दौरान टीम को 3.70 करोड़ रुपये नकद, 6.60 किलो सोना और चार करोड़ के फ्लैट के दस्तावेज मिले थे। इस पूरे प्रकरण में दिल्ली सीबीआइ ने दत्ता सहित 10 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

क्या थी सीबीआइ की प्राथमिकी :

सीबीआइ ने दत्ता के अलावा अन्य आयकर अधिकारियों, चार्टर्ड एकाउंटेंट, डाटा इंट्री ऑपरेटर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप है कि प्रधान आयकर आयुक्त तापस दत्ता ने 2016 और 2017 में अपर आयुक्त अरविंद कुमार, आइटीओ रंजीत लाल व एसके गांगुली के अलावा चार्टर्ड एकाउंटेंट पवन मौर्या और इंट्री ऑपरेटर के साथ मिलकर साजिश रची।

साजिश में अंचल व्यापार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक विश्वनाथ अग्रवाल के अलावा संतोष चौधरी, पीके धानुका, सुबोध धानुका, आकाश अग्रवाल, विनोद और अरविंद अग्रवाल भी शामिल थे। आरोपितों ने कोलकाता से असेसमेंट से जुड़े ऐसे मामलों को रांची और हजारीबाग में स्थानांतरित कराया, जिसमें कर के रूप में बड़ी राशि मांगी गई थी। आरोप है कि तत्कालीन प्रधान आयकर आयुक्त तापस दत्ता के निर्देश पर इन मामलों का नये सिरे से असेसमेंट कर संबंधित लोगों पर आयकर की मांग को कम किया। इसके बदले अधिकारियों ने रिश्वत में भारी राशि वसूली। अग्रवाल बंधुओं ने फर्जी कंपनियों के सहारे इंट्री दिलाकर काले धन को सफेद किया।

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