इनफर्टिलिटी पर डॉक्टर्स बोले, खानपान व समय पर शादी न होना बांझपन की मुख्य वजह
Jharkhand News रांची के आइएमए हॉल में इस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. उषा रानी ने बताया कि लंबे समय तक गर्भधारण में असमर्थता ही बांझपन का सबसे मुख्य लक्षण है। मासिक धर्म 35 दिन या इससे ज्यादा का हो तो यह बांझपन का लक्षण हो सकता है।
रांची, जासं। बांझपन की समस्या आज के समय के खानपान और सही समय पर शादी न होने की वजह से सबसे ज्यादा हो रही है। यह बातें स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उषा रानी ने सृजन प्रॉमिस टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर की ओर से आइएमए हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कही। डॉ. उषा रानी ने बताया कि लंबे समय तक गर्भधारण में असमर्थता ही बांझपन का सबसे मुख्य लक्षण है।
किसी महिला का मासिक धर्म 35 दिन या इससे ज्यादा दिन का हो तो यह बांझपन का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा बहुत कम दिनों की माहवारी या 21 दिन से पहले माहवारी का आना अनियमित माहवारी कहलाता है। यह बांझपन बन सकता है। सृजन आइवीएफ सेंटर की डाॅ. सुनीता सिन्हा ने विस्तार से बताया कि आज के समय में 40 फीसद से ज्यादा महिलाएं बांझपन की वजह से परेशान हैं। इसका कारण है कि सही समय पर इलाज न कराना एवं शादी के बाद ज्यादा दिनों तक बच्चे की प्लानिंग नहीं करना।
डॉ. संगीता सिन्हा ने अत्याधुनिक तकनीक से बांझपन के उपचार के बारे में जानकारी दी। रांची के यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर पंकज कुमार ने इनफर्टिलिटी और उसके बारे में प्रकाश डाला। आइएमए के सेक्रेटरी डॉक्टर शंभू प्रसाद ने अत्याधुनिक तकनीक से सृजन आइवीएफ सेंटर की सराहना की। इस मौके पर डाॅ. प्रकाश चंद्रा, डॉ. एमपी सिंह, डाॅ. अर्चना कुमारी, डाॅ. मुनमुन सेन सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।