Jharkhand: तीन नेशनल प्रतियोगिता खेलने वाले खिलाड़ियों की ग्रेड 3 में होगी सीधी नियुक्ति

Jharkhand. पूर्व की खेल नीति में विभाग ने संशोधन किया है। इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ए ग्रेड प्रतियोगिता करने के लिए एक करोड़ की राशि दी जाएगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 01:00 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 01:00 PM (IST)
Jharkhand: तीन नेशनल प्रतियोगिता खेलने वाले खिलाड़ियों की ग्रेड 3 में होगी सीधी नियुक्ति
Jharkhand: तीन नेशनल प्रतियोगिता खेलने वाले खिलाड़ियों की ग्रेड 3 में होगी सीधी नियुक्ति

रांची, जासं। झारखंड प्रदेश के खिलाडिय़ों के लिए अच्छी खबर है। तीन नेशनल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों की ग्रेड थ्री में सीधी नियुक्ति की जाएगी। खेल सचिव पूजा सिंघल की अध्यक्षता में बुधवार को खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर सभी की रायशुमारी के बाद खेल नीति में संशोधन किया गया। पहले लगातार तीन नेशनल खेलने वालों को नौकरी देने का प्रावधान था लेकिन अब इसमें से लगातार को हटा दिया गया है। तीन बार नेशनल में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वालों को इसका लाभ मिलेगा।

प्रतियोगिता आयोजित करने पर मिलने वाला अनुदान बढ़ा

पुरानी खेल नीति में अंतरराष्ट्रीय स्तर के ए ग्रेड प्रतियोगिता आयोजित करने वाले संघ को पचास लाख का अनुदान दिया जाता था इसे बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है। बी ग्रेड के लिए 75 व सी ग्रेड की प्रतियोगिताओं के लिए 50 लाख अनुदान मिलेगा। नेशनल प्रतियोगिता के लिए 30 लाख, जोनल के लिए 15 व अंतर जिला प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए आठ लाख का अनुदान मिलेगा।

संघों को सरकार से मान्यता लेना होगा आवश्यक

खेल नीति में जोड़ा  गया है कि सरकार से मान्यता प्राप्त खेल संघ को ही अनुदान मिलेगा। मान्यता उन्हीं खेल संघों को दी जाएगी जो प्रदेश के कम से कम 75 प्रतिशत जिले में खेल गतिविधियां संचालित करते हैं। इन जिलों में उन्हें जिला कमेटी का गठन करना होगा तथा नियमित रूप से वहां खेल गतिविधियों का संचालन करना अनिवार्य होगा।

खिलाडिय़ों को खाने के लिए प्रतिदिन 300 रुपये दिये जाएंगे

प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों को खाने के लिए प्रतिदिन तीन सौ रुपये दिये जाएंगे। इसमें यह शर्त जोड़ी गई है कि जहां भी खिलाड़ी खेलने जाएंगे वहां के आयोजन समिति से प्रमाण विभाग को देंगे कि वहां आयोजकों द्वारा खाने की व्यवस्था नहीं की गई थी। आयोजकों द्वारा खाने की व्यवस्था होने पर उन्हें यह राशि नहीं दी जाएगी। साथ ही उन्हें कंसेसनल फेयर दिया जाएगा।

कैश अवार्ड की राशि बढ़ी

खेल नीति में कैश अवार्ड की राशि को भी संशोधित किया गया है। नेशनल स्कूल गेम्स में अब स्वर्ण जीतने वाले खिलाड़ी को 50 हजार दिया जाएगा। पहले स्वर्ण विजेता को 25 हजार दिया जाता था। इसी प्रकार रजत को तीस व कांस्य विजेता को 20 हजार मिलेगा। नेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण जीतने वाले खिलाड़ी को अब एक लाख की राशि दी जाएगी जबकि पहले उन्हें 75 हजार मिलता था। विंटर ओलंपिक में पदक जीतने वाले को समर ओलंपिक के समान राशि मिलेगी। समर ओलंपिक के पदक विजेता के लिए दो करोड़, एक करोड़ व 75 लाख की राशि तय है। जबकि विंटर ओलंपिक के स्वर्ण विजेता को 25 लाख दिया जाता था। लेकिन अब दोनों के पदक विजेताओं को समान राशि दी जाएगी।

ग्रामीण खिलाडिय़ों को खेती के लिए भूमि दी जाएगी

नई खेल नीति में ग्रामीण पदक विजेता खिलाडिय़ों को खेती के लिए भूमि देने की भी बात कही गई है। माना गया कि प्रतिभाएं अधिकांश ग्रामीण इलाकों से आती हैं ऐसे में उन्हें वहीं खेती योग्य भूमि उपलब्ध कराया जायेगा ताकि वह अपनी जीविका चला सके।

स्पोट्र्स ग्रेडेशन पर होगा विचार

बुधवार को हुई बैठक में खेल संघों की राय के बाद स्पोट्र्स ग्र्रेडेशन पर विचार करने का निर्णय लिया गया। इसमें खेलों की प्राथमिकता के आधार पर सूची तैयार की जाएगी। जिस खेल में ज्यादा संभावनाएं हैं उसे ए ग्रेड में रखा जाएगा। खेल संघ पुरानी खेल नीति में इस बात से असंतुष्ट थे कि कई ऐसे खेलों को ए ग्र्रेड में रख दिया गया था जिसमें यहां संभावनाएं कम हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुरानी खेल नीति को संशोधित करने के उद्देश्य से फाइल को खेल विभाग को वापस किया था।

इसी के तहत सचिव पूजा सिंघल ने बैठक कर इसमें संशोधित किया। बैठक में झारखंड ओलंपिक संघ के महासचिव मधुकांत पाठक, हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह, झारखंड वुशु संघ के अध्यक्ष शिवेंद्र दुबे, ताइक्वांडो संघ के प्रभात शर्मा व संजय शर्मा, साई रांची के प्रभारी एसके मोहंती, जेएसएसपीएस के एथलेटिक कोच कर्नल संजय घोष, खेल समन्वयक उमा जायसवाल, खेल परामर्शी देवेंद्र सिंह आदि शामिल थे।

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