चौथे दिन भी नहीं पहुंची पुलिस, डीजीपी खूंटी से ही बैठक कर लौटे

ाूंटी जिले के अड़की थाना क्षेत्र स्थित कोचांग में पांच युवतियों के साथ सामू

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jun 2018 01:10 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jun 2018 01:10 AM (IST)
चौथे दिन भी नहीं पहुंची पुलिस, डीजीपी खूंटी से ही बैठक कर लौटे
चौथे दिन भी नहीं पहुंची पुलिस, डीजीपी खूंटी से ही बैठक कर लौटे

रांची/खूंटी : खूंटी जिले के अड़की थाना क्षेत्र स्थित कोचांग में पांच युवतियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के पांचवे दिन व सूचना मिलने के चौथे दिन भी पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची। डीसी-एसपी व अन्य अधिकारी तो नहीं ही पहुंचे, रविवार को डीजीपी डीके पांडेय, एडीजी ऑपरेशन आरके मल्लिक, एडीजी विशेष शाखा अनुराग गुप्ता लाव-लश्कर के साथ खूंटी मुख्यालय तक पहुंच तो गए, लेकिन परिसदन में ही बैठक कर वहीं से वापस रांची लौट गए।

पुलिस कोचांग यानी घटनास्थल जाने की भी हिम्मत नहीं जुटा पायी। सूबे की सुरक्षा व्यवस्था पत्थलगड़ी समर्थकों के आगे बेबस नजर आ रही है। यहां पर सरकार का कोई शासन नहीं चलता है। यहां सिर्फ पत्थलगड़ी समर्थकों का शासन चल रहा है। डीजीपी ने तीन घंटे परिसदन में ही बैठक कर गुजार दिया।

50 किलोमीटर है खूंटी से कोचांग की दूरी

खूंटी से कोचांग की दूरी लगभग पचास किलोमीटर है। यदि डीजीपी जाते, तो वहां की जनता का पुलिस पर विश्वास जगता। पत्थलगड़ी समर्थक और उग्रवादियों का भी मनोबल कम होता। लेकिन, दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका। इससे पहले शनिवार को भी महिला आयोग की टीम खूंटी पहुंची और वह भी जिला प्रशासन से ही बातचीत कर वापस लौट गई। महिला आयोग की टीम भी कोचांग जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।

इधर, रविवार को डीजीपी डीके पांडेय भी स्थानीय परिसदन में पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कोचांग घटना के बाद उत्पन्न स्थिति पर विचार-विमर्श किया। साथ हालातों का जायजा लेते हुए पुलिस अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने जिले के ग्रामप्रधानों के साथ भी बैठक की। बैठक में एडीजीपी अनुराग गुप्ता, आइजी आरके मल्लिक, डीआइजी होमकर, खूंटी एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।

कोचांग में खोलेंगे पुलिस कैंप, अपराधियों की गिरफ्तारी प्राथमिकता

खूंटी के परिसदन में बैठक के बाद डीजीपी डीके पांडेय ने पत्रकारों को बताया कि कोचांग में पुलिस कैंप खोलने की तैयारी है, बशर्ते की वहां के लोगों का सहयोग मिले। पुलिस आम जनता की सुरक्षा, महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। कोचांग की घटना में जो भी शामिल हैं, उन्हें बख्सा नहीं जाएगा। उन्हें पकड़ना और स्पीडी ट्रायल से सजा दिलाना प्राथमिकता है। महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता है। प्रत्येक अनुमंडल में एक महिला थाना होगा। यहां थानाप्रभारी से लेकर सभी कर्मचारी महिलाएं ही होंगी, ताकि मां-बेटियों की सुरक्षा की जा सके। पुलिस का प्रयास है कि पूरे राज्य में सुरक्षा का वातावरण बने। कोचांग जाने के सवाल पर डीजीपी ने स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं बताया। बस इतना कहा कि वे नहीं बता सकते हैं, नहीं तो मैसेज वहां के लोगों तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि राज्य की बेटियों की सुरक्षा के प्रति सरकार कटिबद्ध है। 44 महिला थाने के गठन का फैसला लिया गया है। कोचांग में पांच युवतियों से दुष्कर्म के दोषी सभी अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। पीड़िता को मंडल उपकारा में रखे जाने के सवाल पर कहा कि यह जिला प्रशासन का मामला है। बंद कमरे में डीजीपी ने अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में पदाधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए। जिले में उग्रवाद पर किसी भी कीमत पर नियंत्रित करने का आदेश दिया। साथ ही पत्थलगड़ी कर लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने वाले व्यक्ति को चिह्नित कर गिरफ्तार करने का फरमान सुनाया। उन्होंने कहा कि यहां पर अफीम की खेती को किसी भी हालत में बंद करवाना है। इसके अलावा कोचांग में पुलिस पिकेट बनाने के लिए जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया।

ग्रामप्रधानों से डीजीपी ने बैठक की

बैठक के क्रम में अड़की प्रखंड क्षेत्र के कुछ ग्रामप्रधान और लोगों से डीजीपी ने मुलाकात की। वहीं, ग्रामप्रधान ने डीजीपी को कहा कि अड़की के कोचांग क्षेत्र में लगातार हत्या, दुष्कर्म की घटना होती है। पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होती है। इससे वहां पर उग्रवादियों का मनोबल बढ़ गया है। डीजीपी ने कोचांग में जल्द से जल्द पुलिस थाना बनाने की बात कही। साथ ही सघन छापेमारी अभियान चलाने की बात कही।

chat bot
आपका साथी