प्रखंड समन्वयकों को अप्रैल से मिलेंगे 17 हजार रुपये

रांची : झारखंड के विभिन्न प्रखंडों में संविदा पर बहाल समन्वयकों को अप्रैल से 15 हजार की जगह अब 17 हजार रुपये मिलेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 06:30 AM (IST)
प्रखंड समन्वयकों को अप्रैल से मिलेंगे 17 हजार रुपये
प्रखंड समन्वयकों को अप्रैल से मिलेंगे 17 हजार रुपये

रांची : झारखंड के विभिन्न प्रखंडों में संविदा पर बहाल समन्वयकों को अप्रैल से 15 हजार की जगह 17 हजार रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को प्रोजेक्ट बिल्डिंग सभागार में आयोजित जिला तथा प्रखंड समन्वयकों की बैठक में यह घोषणा की। इस दौरान उन्होंने समन्वयकों को ग्राम स्तर पर चल रही योजनाओं की हर 15 दिनों पर समीक्षा करने तथा उसे अंतिम व्यक्तितक पहुंचाने का टास्क सौंपा। ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी बैठक में शिरकत की।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान समन्वयकों को ग्रामीण विकास की तीन योजनाओं पर प्राथमिकता के तौर पर उतारने की नसीहत दी। सोलर ऊर्जा लघु जलापूर्ति योजना के तहत उन्होंने जहां 2020 तक गांव के एक-एक घर में पाइप लाइन के सहारे जलापूर्ति शुरू करवाने की जवाबदेही सौंपी, वहीं गांव की अंदर की सड़कों पर पेवर्स ब्लॉक लगाने को कहा। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने प्रति पंचायत 200 की संख्या में स्ट्रीट लाइट लगाने का निर्देश दिया।

सीएम ने स्पष्ट कहा कि बड़े गांवों में जलापूर्ति के लिए आवश्यकता के मुताबिक दो से तीन प्लांट लगाए जाएंगे। उन्होंने बरसात से पूर्व हर हाल में तीनों योजनाओं को धरातल पर उतारने का निर्देश दिया। ग्रामीण विद्युतीकरण की ओर इशारा करते हुए सीएम ने कहा कि कांटै्रक्टर की लापरवाही की वजह से साहिबगंज, पाकुड़ आदि जिलों में विद्युतीकरण की रफ्तार थोड़ी धीमी है। इससे इतर मार्च 2019 तक राज्य के 68 लाख परिवारों के घरों में बिजली पहुंच जाएगी।

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एक सप्ताह में ग्रामसभा, फरवरी में एमओयू, मार्च से काम

मुख्यमंत्री ने समन्वयकों को मुखियाओं से समन्वय कर एक सप्ताह के अंदर पंचायत स्तर पर ग्रामसभा आयोजित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि गांव की गलियों में एलईडी लाइट लगाने के लिए 22 से 24 फरवरी के बीच ईसीएल के साथ एमओयू होगा। उन्होंने जलापूर्ति और पेवर्स ब्लॉक बिछाने का काम मार्च से तथा स्ट्रीट लाइट अप्रैल से हर हाल में लगाने को कहा।

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14वें वित्त आयोग के 1200 करोड़ रुपये होंगे खर्च

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास पर 14वें वित्त आयोग के 1200 करोड़ रुपये खर्च होंगें। 600 करोड़ रुपये आ चुके हैं। इतनी ही राशि एक-डेढ़ महीने में आ जाएगी। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में सरकार अपनी निधि से पैसा खर्च कर संबंधित सुविधाएं बहाल करेंगी। अन्य क्षेत्रों में वित्त आयोग की राशि खर्च होगी।

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डबल इंजन की सरकार किसानों को देगी 11 से 31 हजार

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और झारखंड दोनों ही स्थलों पर भाजपा की सरकार है। डबल इंजन की यह सरकार किसानों को हर स्तर पर सशक्तकरेगी। केंद्र और राज्य सरकार समुन्नत खेती के लिए किसानों को 11 से 31 हजार रुपये देगी। 24 फरवरी को पहली और एक मार्च को दूसरी किस्त किसानों के खाते में पहुंचेगी। उन्होंने समन्वयकों से संबंधित योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री कृषि आर्शीवाद योजना के अलावा पढ़ाई से लेकर बेटियों के हाथ तक पीले करने वाली मुख्यमंत्री सुकन्या योजना से लोगों को अवगत कराने को कहा।

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मुफ्त में खाने की आदत छोड़ो, पूर्ववर्ती सरकारों ने पंगु बनाया

बैठक के दौरान जिला समन्वयकों ने क्षेत्र भ्रमण का हवाला देते हुए परिवहन भत्ता की मांग की। मुख्यमंत्री ने इसपर उनसे उनका मानदेय पूछ बैठे। जवाब में 35 हजार रुपये मिलने की जानकारी मिली। इसपर मुख्यमंत्री ने बैंक से मोटरसाइकिल फाइनांस कराने की नसीहत दी। कहा, मुफ्त में खाने की आदत छोड़ो। पूर्ववर्ती सरकारों ने लोगों को पंगु बना दिया है।

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