एयरपोर्ट थाना प्रभारी को अदालत ने दिया नोटिस, पूछा-24 घंटे के बजाय नौ दिन में क्यों भेजी FIR?

एयरपोर्ट रोड में हुई दुर्घटना के मामले में कोर्ट ने एयरपोर्ट थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने प्राथमिकी भेजने में हुई अनावश्‍यक देरी पर सवाल उठाए हैं।

By Divya KeshriEdited By: Publish:Tue, 07 Jan 2020 01:00 PM (IST) Updated:Tue, 07 Jan 2020 01:00 PM (IST)
एयरपोर्ट थाना प्रभारी को अदालत ने दिया नोटिस, पूछा-24 घंटे के बजाय नौ दिन में क्यों भेजी FIR?
एयरपोर्ट थाना प्रभारी को अदालत ने दिया नोटिस, पूछा-24 घंटे के बजाय नौ दिन में क्यों भेजी FIR?

 खास बातें

27 दिसंबर को एयरपोर्ट के समीप महिला की बस से कुचल कर हो गई थी मौत कोर्ट ने कहा आखिर क्या मजबूरी थी कि इतना समय लगा आरोपित ड्राइवर को थाने से ही दे दी गई थी जमानत

रांची, जासं। कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरतने के मामले में सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी(सीजेएम) फहीम करमानी की अदालत ने एयरपोर्ट थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दरअसल बीते 27 दिसंबर को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के समीप सुबह में आशा सिन्हा की बस से कुचलने से मौत हो गई थी। उसका सिर बस के चक्के के नीचे आ गया था। मामले में आशा के पति सत्येंद्र नारायण सिन्हा के बयान पर प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी।

मामला गंभीर होने के बावजूद पुलिस ने आरोपित हेमकुंट बस के ड्राइवर जितेंद्र कुमार को तत्काल जमानत पर छोड़ दिया। नियम के तहत थाना को प्राथमिकी की कॉपी 24 घंटे के अंदर अदालत भेजना है, जबकि नौ दिन बाद छह जनवरी को प्राथमिकी अदालत भेजी गई। इसपर अदालत ने संज्ञान लेते हुए दो दिन के अंदर जवाब देने को कहा। अदालत नोटिस भेजकर यह पूछा है कि आखिर क्या कारण है कि प्राथमिकी भेजने में इतना विलंब हुआ। यह भी कहा कि या तो थानेदार जवाब दे नहीं तो एसएसपी से यही सवाल पूछा जाएगा। 

टहलने के दौरान बस के चपेट में आ गई थी महिला

आशा सिन्हा प्रतिदिन की भांति 27 दिसंबर को एयरपोर्ट रोड पर टहल रही थीं। इसी बीच हेमकुंट एसी बस ने पीछे से महिला को धक्का मार दिया था। सिर कुचले जाने के कारण घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई थी। इस संबंध में पति सत्येंद्र नारायण सिन्हा के बयान पर एयरपोर्ट थाना में 27 दिसंबर को ही कांड संख्या 40/19 दर्ज कराया था। 

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