व्यवसायी के कर्मी ने गढ़ी थी लूट की झूठी कहानी, खुद को फंसता देख बोला- लौटा देंगे 1.83 लाख रुपये
बीते दिन राजधानी रांची के मेन रोड में एक लाख 83 हजार की लूट का मामला सामने आया था। जिसके बाद कंपनी का कर्मी पुलिस के सामने लगातार अपना बयान बदलता रहा।
रांची, जासं। कंपनी के कर्मी ने पहले एक लाख 83 हजार रुपये लूट की कहानी गढ़ी। फिर पुलिस की पूछताछ में खुद फंसता देख कर्मी लूट की बात से पीछे हट गया। बोला-वह पैसे कंपनी को लौटा देगा। हालांकि उसने झूठी कहानी क्यों गढ़ी, इस पर उसने चुप्पी साध ली।
दरअसल सोमवार को रांची के मेन रोड में एक लाख 83 हजार की लूट का मामला सामने आया था। मेन रोड सुजाता चौक के समीप स्थित हिंदुस्तान स्टोर्स सप्लाई कंपनी के चालक अमृत प्रसाद (60) ने पुलिस व कंपनी के मालिक को कलेक्शन के सारे पैसों के लूटे जाने की जानकारी दी। पुलिस ने पूरे दिन सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो लूट जैसा कोई दृश्य सामने नहीं आया। पुलिस ने पूछताछ की तो चालक अपना बयान बार-बार बदलने लगा। पहले घटनास्थल को बैंक ऑफ इंडिया के समीप बताया। फिर बयान से पलटते हुए संकटमोचन मंदिर के समीप बताने लगा। पुलिस पूरी घटना को संदेहास्पद मानकर जांच कर रही है।
चालक ने जैसा पुलिस को बताया
- हिंदुस्तान स्टोर्स सप्लाई कंपनी के चालक कर्मी अमृत प्रसाद ने बताया कि वह शनिवार को हार्डवेयर का सामान ट्रक में लेकर गिरिडीह के राजधनवार गया था। वहां सामान सप्लाई करने के बाद कलेक्शन के 1.83 लाख रुपये लेकर रविवार शाम रांची लौटा और बरियातू अपने घर चला गया।
- सोमवार की सुबह 10:30 बजे मेन रोड होते हुए सुजाता चौक के समीप स्थित कंपनी का कार्यालय जा रहा था। इसी दौरान उसे बैंक ऑफ इंडिया के समीप पल्सर सवार दो अपराधियों ने रोका। अपराधियों ने पिस्टल सटाकर थैले से पूरा पैसा निकाला और सुजाता चौक की ओर भाग निकले।
- इसके बाद अमृत प्रसाद कंपनी कार्यालय पहुंचे और इसकी जानकारी मालिक को दी। फिर चुटिया पुलिस और लोअर बाजार थानेदार को सूचना दी गई।
मालिक ने कहा, विश्वासी रहा है अमृत
कंपनी के मालिक के अनुसार अमृत प्रसाद पिछले 30 साल से काम कर रहा है। वह हमेशा कई जिलों में डिलीवरी के बाद कलेक्शन के रुपये पहुंचाता है। वह विश्वासी भी रहा है।
एफआइआर कराने में भी असमंजस
पुलिस को जब पूरा मामला संदेहास्पद लगा, तब अमृत प्रसाद ने केस दर्ज कराने से इन्कार कर दिया। कहा कि मालिक ने केस करने के लिए सोचने समझने का समय मांगा है। मामले में एफआइआर दर्ज नहीं की गई थी।
मामला संदेहास्पद है। पीड़ित ने कई बार बयान बदला। पुलिस के प्रारंभिक सत्यापन में घटना में कोई सच्चाई सामने नहीं आई है। अमित कुमार सिंह, सिटी डीएसपी रांची।
यह भी पढ़ें-गैरों ने नहीं, अपनों ने ही छला किशोरी को, रांची की बेटी की बुलंदशहर में लगी 80 हजार में बोली