झारखंड कैडर के 10 IPS पर चल रहे मुकदमों की मांगी अपडेट रिपोर्ट, केंद्र ने पूछा अब तक क्‍या कार्रवाई हुई

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से जिन अफसरों के बारे में रिपोर्ट मांगी है उनमें आठ आइपीएस सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकि दो वर्तमान में कार्यरत हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 02 Dec 2019 12:40 AM (IST) Updated:Mon, 02 Dec 2019 08:21 AM (IST)
झारखंड कैडर के 10 IPS पर चल रहे मुकदमों की मांगी अपडेट रिपोर्ट, केंद्र ने पूछा अब तक क्‍या कार्रवाई हुई
झारखंड कैडर के 10 IPS पर चल रहे मुकदमों की मांगी अपडेट रिपोर्ट, केंद्र ने पूछा अब तक क्‍या कार्रवाई हुई

रांची, [दिलीप कुमार]। झारखंड कैडर के 10 आइपीएस अधिकारियों के विरुद्ध दर्ज कांडों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में यह पूछा गया है कि वर्तमान में उनके विरुद्ध दर्ज मामले में क्या कार्रवाई हुई है और अनुसंधान की क्या स्थिति है। जिन 10 आइपीएस अधिकारियों के विरुद्ध रिपोर्ट मांगी गई है, उनमें आठ अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कुछ केस बिहार में लंबित हैं, तो कुछ सीबीआइ के पास। इन अधिकारियों के बारे में बिहार से भी पत्राचार किया गया है। केंद्र ने इन अधिकारियों के नाम व उनसे संबद्ध मामलों की सूची भी दोनों राज्यों को उपलब्ध कराई है। 

झारखंड कैडर के किस आइपीएस पर क्या है केस जेबी महापात्रा : 1972 बैच के आइपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त)। शराब की खरीदारी में अनियमितता। विष्णु दयाल राम : 1973 बैच के आइपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त)। इनपर एसएस फंड घोटाले का आरोप है। इस घोटाले की जांच के लिए सीबीआइ से अनुशंसा की गई थी, लेकिन सीबीआइ ने अब तक इस केस को टेकओवर नहीं किया। वीएम दिवाकर : 1974 बैच के आइपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त)। सिपाही भर्ती बहाली में रिश्वत, वर्दी घोटाला व पद के दुरुपयोग मामले में सीबीआइ बिहार में केस लंबित। आरसी कैथल : 1977 बैच के आइपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त)। अनुसंधान में लापरवाही से संबंधित मामला। वर्ष 2000 में चार्जशीट दाखिल हुई थी। बिहार में लंबित। अरविंद वर्मा : 1978 बैच के आइपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त)। बिना अनुमति अनुपस्थित रहने से संबंधित मामला लंबित। विश्वनाथ ओझा : 1985 बैच के आइपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त)। आय से अधिक संपत्ति का मामला। बिहार के निगरानी ब्यूरो में लंबित। सीपी किरण : 1989 बैच के आइपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त)। सिपाही नियुक्ति घोटाले में आरोपित। अनुराग गुप्ता : 1990 बैच के आइपीएस अधिकारी। मतदाता के अधिकार क्षेत्र में दखल देने का आरोप। रांची के जगन्नाथपुर थाने में दर्ज है प्राथमिकी। मनोज कुमार मिश्रा : 1991 बैच के आइपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त)। भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति के आरोप में सीबीआइ जांच। मनोज कौशिक : 2001 बैच के आइपीएस अधिकारी। इनके खिलाफ एसीबी, झारखंड ने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार व अवैध कोयला खनन से धन उगाहने के मामले में केस दर्ज किया था। मामला लंबित।

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