कोरोना टीकाकरण 100 करोड़ पार होने पर बेड़ो सीएचसी के स्वास्थ्यकर्मियों को किया सम्मानित

कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा 100 करोड़ पार करने पर भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष सह मांडर की पूर्व विधायक गंगोत्री कुजुर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम को सम्मानित किया। कोरोना काल में किए कार्यों की सराहना की।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:00 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:00 PM (IST)
कोरोना टीकाकरण 100 करोड़ पार होने पर बेड़ो सीएचसी के स्वास्थ्यकर्मियों को किया सम्मानित
भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष सह मांडर की पूर्व विधायक गंगोत्री कुजुर ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को सम्मानित किया।

बेड़ो, संसू । कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा 100 करोड़ पार करने पर भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष सह मांडर की पूर्व विधायक गंगोत्री कुजुर ने शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम को सम्मानित किया। कोरोना काल में किए कार्यों की सराहना की। पूर्व विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने वह कर दिखाया है जिसे विकसित देश भी नहीं कर सके हैं। 100 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिन्होंने अभी तक जो वैक्सीन नहीं लगवाई  है, वह टीकाकरण जरूर करा लें। पूर्व विधायक ने सीएचसी डॉ. राजीव कुमार, डॉ कुसुमलता सिन्हा समेत उनकी पूरी टीम को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से धान की फसलें हो रही हैं बर्बाद

लापुंग प्रखंड के डाड़ी समेत कई गांवों में धान के फसल अज्ञात रोग की चपेट में आ गई है। जिससे पौधों की पत्तियां पीली पड़ जा रही हैं। इसके बाद पौधे सूख रहे हैं। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। प्रखंड के लगभग सभी गांव कृषि पर ही निर्भर हैं। वही कुछ दिन पहले जबरदस्त बारिश होने के कारण खेतों में लगी अदरक व अन्य फसलें बर्बाद हुई थीं l

इधर अब धान की फसल पर बाली आने के लगी तो पौधे अज्ञात बीमारी की चपेट में आ गई है। बीमारी से धान पत्तियां पीली पड़ने के बाद धान के पौधे सूख रहे हैं। जिससे डाड़ी गांव के किसान घुमेश्वर साहू , भूजा साहू , मनिया उरांव, देबीन साहू, धनुधारी सिंह, चरका साहू समेत कई किसानों के दर्जनों एकड़ खेत में लगी धान की फसलें बर्बाद हो गई l चिंतित और हताश हो किसानों ने बताया कि महंगी खाद बीज लेने के बाद कड़ी मेहनत कर खेती करते हैं, लेकिन अंत में कभी बारिश तो कभी धूप तो कभी किसी बीमारी की चपेट में फसलें बर्बाद हो जाती हैं l

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