बीच जंगल है मॉडल स्कूल, पहुंच पथ ही नहीं

बुढमू-प्रखंड का मॉडल विद्यालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को विवश है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Aug 2019 03:52 AM (IST) Updated:Tue, 20 Aug 2019 03:52 AM (IST)
बीच जंगल है मॉडल स्कूल, पहुंच पथ ही नहीं
बीच जंगल है मॉडल स्कूल, पहुंच पथ ही नहीं

राजू चौबे, बुढमू : बुढमू-प्रखंड का मॉडल विद्यालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को विवश है। 2013 में बडी ताम-झाम के साथ विधायक व तत्कालीन सासद रामटहल चौधरी ने विद्यालय का उद्घाटन किया था। उस समय भी स्थल चयन को लेकर सासद ने कड़ी आपत्ति जताई थी। लेकिन अधिकारियों के आगे उनकी एक ना चली। बुढ़मू प्रखंड मुख्यालय से लगभग चार किमी दूर बीच जंगल व नदी किनारे विद्यालय बनाया गया। इसके बाद भी ग्रामीणों में एक आशा की किरण जगी की अब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल पाएगी। लेकिन ग्रामीणों का यह सपना पूरा नहीं हुआ। कहने को तो यह आवासीय विद्यालय है लेकिन यहां रहने कोई व्यवस्था ही नहीं है। पहुंच पथ से दूर है विद्यालय

करोड़ों रुपये की लागत से विद्यालय तो बना दिया गया लेकिन मुख्य पथ से विद्यालय तक शिक्षकगण व बच्चे कैसे पहुंचे इसकी चिंता ना तो स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने की और ना ही प्रशासनिक अधिकारियों ने। जिसका खमियाजा अब छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन स्कूल जाने के क्रम में बच्चे रास्ते मे गिर कर घायल होते रहते हैं। विद्यालय में चारदीवारी नहीं होने से सबसे बड़ी विडंबना है। स्कूल के बायीं ओर लगभग 20 फिट का गडढा दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है। हलांकि शिक्षकों द्वारा बच्चों को उधर प्रवेश उस ओर निषेध कर रखा गया है। चार शिक्षकों के भरोसे विद्यालय

सरकार द्वारा उक्त विद्यालय में 11 शिक्षको की स्वीकृति दी गई है। लेकिन वर्तमान मे प्रधानाचार्य शमीम रज्जा समेत अहतर आलम, शमीर आनंद व दीपक कुमार के द्वारा 171 छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। शिक्षको ने बताया कि उन्हें भी पिछले पांच माह से वेतन नही मिला है। प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल में पहुंच पथ व चारदीवारी नहीं होने की बात मैं लिखित व मौखिक रूप से विभाग के अधिकार व जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुका हूं लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। इस संदर्भ में विधायक डॉ. जेसी राम ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है। जल्द ही समस्या का समाधान हो जायेगा।

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