सम्मान व सुरक्षा महिलाओं का सबसे बड़ा मुद्दा

वैसे तो गांव में महिलाएं महिला मंडल चला कर खुद अपने पैरों पर खड़ा होकर बेहतर जीवन यापन करने को प्रयासरत हैं। परंतु महिलाओं को उचित सम्मान और सुरक्षा मिले इसके लिए महिलाएं आज भी उपेक्षित हैं। दैनिक जागरण की ओर से जयनगर के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की राय जानी। महिलाओं ने कहा कि जो महिलाओं को सम्मान देने का कार्य करेंगे उसे ही उनका वोट जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 06:30 PM (IST) Updated:Fri, 12 Apr 2019 06:25 AM (IST)
सम्मान व सुरक्षा महिलाओं का सबसे बड़ा मुद्दा
सम्मान व सुरक्षा महिलाओं का सबसे बड़ा मुद्दा

जयनगर (कोडरमा): वैसे तो गांव में महिलाएं महिला मंडल चला कर खुद अपने पैरों पर खड़ा होकर बेहतर जीवन यापन करने को प्रयासरत हैं। परंतु उचित सम्मान व सुरक्षा के मामले में महिलाएं आज भी उपेक्षित हैं। दैनिक जागरण ने यहां की महिलाओं से उनके मुद्दों की बात की तो महिलाओं ने सम्मान व सुरक्षा को ही सबसे अहम बताया। महिलाओं ने कहा कि आज महिलाओं हर क्षेत्र में बढ़चढ़कर अपनी भागीदारी निभा रहीं हैं, लेकिन सभी जगह उनकी सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ी चिता रहती है। प्रस्तुत है इस विषय पर महिलाओं की राय।

महिलाओं को सम्मान के साथ साथ सुरक्षा सबसे जरूरी है। महिलाओं के विकास में यह सबसे अधिक बाधक है। इसलिए वैसे प्रत्याशी को वोट देना चाहिए जो इसके प्रति गंभीर हो। महिलाओं की इस चिता को संसद में उठाए। आज महिलाए उपेक्षित है जिसके कारण गांव में महिलाओं का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है।

पूजा देवी, गृहिणी। महिला सशक्तिकरण के इस दौर में भी महिलाएं शोषित हो रही हैं। कामकाजी महिलाओं के लिए हर क्षेत्र में सुरक्षा सबसे बड़ा चिता का विषय है। यह महिलाओं की उन्नति में बाधक है। इसलिए सरकार को इस विषय पर गंभीर होने की जरूरत है। लेकिन दुखद है कि किसी भी पार्टी के घोषणा पत्र में महिला सुरक्षा को कोई जगह नहीं दी है।

सुनीता देवी, गृहिणी। महिलाओं को समाज में कमजोर समझा जाता है, जिससे उस पर अत्याचार भी अधिक होते हैं। महिलाओं के हित में उचित कदम उठाने वाले को ही हम अपना मत देंगे। जो महिलाओं को सम्मान दिलाएगा तथा सुरक्षा के लिए संसद में आवाज उठाएगा उसे ही अपना मत देंगे।

कविता देवी, गृहिणी। पिछले कई दशकों में महिलाओं का उत्पीड़न रोकने और उन्हें उनके हक दिलाने को लेकर बड़ी संख्या में कानून पारित हुए हैं परंतु इसका पालन नहीं हो पाता है। अगर इसका पालन होता तो महिलाओं पर अत्याचार कम होता। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानून को जो सख्ती से पालन करवाएगा उसे ही हम अपना मत देंगे।

रिकु देवी, गृहिणी। महिलाओं के साथ भेदभाव और उन पर अत्याचार अब भी बंद नहीं हुआ है। ऐसे में महिलाएं हमेशा भयभीत रहती हैं जिसके कारण वे अपने पैरों पर खड़ा होने में सकुचाती आती हैं। जो महिलाओं के साथ भेदभाव समाप्त करवाने के लिए आगे आएगा उसे ही अपना वोट दूंगी।

बबीता देवी, गृहिणी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा तो खूब चला परंतु इसे रोकने के लिए बनी कानून शक्ति से लागू नहीं हो पा रहा है। जिससे भूर्ण हत्या नहीं रुक रहा है। जो इस दिशा में कदम उठाएगा उसे ही अपना मत दूंगी।

फरीदा खातून, गृहिणी। महिलाओं को पुरुषों के समान समतुल्य कार्य करने के लिए समान वेतन देने के लिए कानून बना परंतु ऐसा नहीं हो रहा है। महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन दिलाने वाले को ही अपना वोट दूंगी।

शहनाज खातून, गृहिणी। महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने वाले तथा उसे गांव स्तर पर रोजगार मुहैया कराने वाले को ही अपना मत दूंगी। आज महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। पुलिस की कार्यशैली ठीक नहीं है ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा करने वालों को ही अपना मत दूंगी।

रजिया खातून, गृहिणी।

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