दुर्गामंडप की जमीन बचाने के लिए डीसी से मिले

By Edited By: Publish:Wed, 08 Aug 2012 09:42 PM (IST) Updated:Wed, 08 Aug 2012 09:45 PM (IST)
दुर्गामंडप की जमीन बचाने के लिए डीसी से मिले

कोडरमा : शहर के सबसे महत्वपूर्ण स्थल पर स्थित झुमरीतिलैया सार्वजनिक बेलाटांड़ दुर्गामंडप की बेशकीमती जमीन बचाने को लेकर स्थानीय गणमान्य लोगों का शिष्टमंडल मंगलवार को जिले के उपायुक्त से मिला। शिष्टमंडल में प्रभाकर तिवारी, निर्मल कुमार ओझा, राजेंद्र जायसवाल, उत्तम दासपाल, अनिल सिंह, राजीव कुमार दिवान, मनोज सहाय पिंकू, नरेंद्र प्रकाश आर्य और अनूप जोशी शामिल थे।

ज्ञापन में कहा गया है कि झुमरीतिलैया नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत भादेडीह मौजा के खाता नंबर-1, प्लाट नंबर 8/23 और 8/24 स्थित करीब 1.73 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस भूखंड के एक बड़े हिस्से में दुर्गामंडप का परिसर स्थित है। यहां वर्ष 1954 से लगातार दुर्गापूजा हो रही है। हाल के दिनों में इस जमीन के तीन दावेदार खड़े हो गए हैं। शहर में जमीन की कीमत में आयी बेतहाशा वृद्धि को के बाद ऐसे लोगों की नजर इस बेशकीमती जमीन पर है।

इनमें रामगढ़ राजपरिवार के वंशज हजारीबाग सदर विधायक सौरभ नारायण सिंह और उनके चाचा मयूरध्वज नारायण सिंह और चचेरे भाई उदयभान नारायण सिंह भी शामिल हैं।

सौरभ नारायण सिंह ने उक्त जमीन का पावर ऑफ अटार्नी कैप्टन आनंद नामक एक व्यक्ति को दिया है, जो इस जमीन पर अनाधिकृत तौर पर बसे लोगों को बिक्री कर रहे हैं।

वहीं दूसरे दावेदार मयूरध्वज नारायण सिंह और उदयभान नारायण सिंह का कहना है कि वर्ष-1944 से उन्हें यह जमीन रामगढ़ राज से हुकूमनामा के आधार पर प्राप्त हुआ है और उनलोगों का नाम अंचल कार्यालय के पंजी-2 में दर्ज है।

तीसरे दावेदार चंद्रदेव सिंह हैं जो इस जमीन के पट्टेदार रहे अनिलचंद्र मुखर्जी और पुनील चंद्र मुखर्जी से जमीन केवाला से प्राप्त करने की बात कहते हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि उक्त जमीन बकास्त प्रकृति की है और आजतक इस जमीन का लगान निर्धारण किसी के नाम नहीं हुआ है। उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार वर्ष-1927 में रामगढ़ स्टेट के कोर्ट ऑफ वार्डस ने बजरिये निबंधित केवाला उक्त जमीन को 60 वर्षो के लिए मुखर्जी परिवार को पट्टे पर दिया था। पट्टा की शर्तो के अनुसार पट्टेदार को जमीन की बिक्री का अधिकार नहीं था।

ऐसे में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर आज उस जमीन के तीनों दावेदारों का हक एवं हकियत संदेहास्पद है। ज्ञापन में तीनों दावेदारों की मंशा पर रोक लगाने और सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति के प्रांगण को सुरक्षित रखने की गुहार लगाई गई है।

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