Lok Sabha Polls 2019: 90 की उम्र में भी मतदान को लेकर है उत्साह

Lok Sabha Polls 2019. बासुदेव सिंह (90) लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव पर नजरें गड़ाए हुए हैं। वे कहते हैं कि पहले चुनाव की बात कुछ और थी और अब के चुनाव की बात कुछ और होती है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 12:58 PM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 12:58 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: 90 की उम्र में भी मतदान को लेकर है उत्साह
Lok Sabha Polls 2019: 90 की उम्र में भी मतदान को लेकर है उत्साह

मरकच्चो (कोडरमा), जेएनएन। मरकच्चो कोटवार मोहल्ला निवासी समाजसेवी बासुदेव सिंह (90) लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव पर नजरें गड़ाए हुए हैं। वे कहते हैं कि पहले चुनाव की बात कुछ और थी और अब के चुनाव की बात कुछ और होती है। पहले की राजनीति का उद्देश्य सिर्फ समाज की भलाई करना होता था, लेकिन अभी की राजनीति में छल-प्रपंच, धोखाधड़ी पूरी तरह से हावी हो चुका है।

आज के समय में चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशियों के बीच प्रतिद्वंद्विता का पैमाना ही बदल गया है। स्वस्थ राजनीति की परंपरा अब लगभग खत्म हो चुकी है। प्रतिद्वंद्वियों के लिए जिस तरह के अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल आज के नेता करते हैं, वह राजनीति में आई गिरावट को दर्शाता है। पहले के समय में सिर्फ और सिर्फ उम्मीदवारों की पूर्व और वर्तमान उपलब्धियों को देखकर मतदान होता था।

साफ-सुथरी छवि के प्रत्याशी को लोग तरजीह देते थे। आज लोकतंत्र का यह महान पर्व जातिवाद, अर्थवाद, क्षेत्रवाद का शिकार हो चुका है। चुनाव पैसा कमाने का माध्यम बन गया है। आज जागरुक और अच्छे कहलाने वाले वोट डालने के लिए घर से निकलना ही नहीं चाहते हैं।

आज तो वोट देना अनिवार्य है का नारा सभी लगाते हैं। तब ऐसे नारा की कोई जरूरत नहीं होती थी। लोग स्वेच्छा से वोट देने घर से निकलते थे। इसलिए स्वस्थ व मजबूत लोकतंत्र के लिए सभी लोगों को मतदान में भाग लेना चाहिए। लोगों को लाइन में खड़ा होने से कतराना नहीं चाहिए।

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