महिलाओं के प्रति अपनी धारणा बदले समाज : रेखा शर्मा

खूंटी महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं और यह बात आज की महिलाओं ने हर क्षेत्र में आगे जाकर साबित कर दिखाई है। बावजूद इसके समाज की सोच है कि महिला दूसरे दर्जे की

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Mar 2019 06:22 PM (IST) Updated:Tue, 05 Mar 2019 06:22 PM (IST)
महिलाओं के प्रति अपनी धारणा बदले समाज : रेखा शर्मा
महिलाओं के प्रति अपनी धारणा बदले समाज : रेखा शर्मा

खूंटी : महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं और यह बात आज की महिलाओं ने हर क्षेत्र में आगे जाकर साबित कर दिखाई है। बावजूद इसके समाज की सोच है कि महिलाएं दूसरे दर्जे की प्राणी हैं। इस सोच को बदलना होगा। बेटियां घर से उत्पीड़न सहना सीखती हैं, जब वे अपनी मां को पिता के हाथों उत्पीड़ित होते देखती हैं। यहां उपस्थित महिलाएं व बच्चियां आज यह कसम खाएं कि अब उन्हें उत्पीड़न नहीं सहना है। यह बातें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मंगलवार को कही। वे कालीमाटी स्थित कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में इप्सोवा (आइपीएस ऑफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन) की ओर से आयोजित महिला दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखे लोग कोख में ही अपनी बच्ची को मार देते हैं। ऐसी पढ़ाई किस काम की। उन्होंने उपस्थित छात्राओं से आह्वान करते हुए कहा कि खूब पढ़ें और अपने अधिकारों को जानें। सभी बच्चे कंप्यूटर व टैब का उपयोग करना सीखें। आज कंप्यूटर का युग है। यदि आगे बढ़ना है, तो कंप्यूटर का ज्ञान अति आवश्यक है। साथ ही उन्होंने कहा कि आप लोग फेसबुक व ट्विटर आदि सोशल मीडिया का उपयोग करना भी सीखें।

इससे पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इप्सोवा की अध्यक्ष पूनम पांडेय ने कहा कि महिलाओं के लिए शिक्षा व जागरूकता अति आवश्यक है। आज महिलाओं की सुरक्षा मुख्य मुद्दा है, जिस दिन महिलाएं अपने को सुरक्षित महसूस करने लगेंगी, उस दिन सही मायने में महिला दिवस मनेगा। छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सपने देखें और आपके सपनों को पूरा करने में इप्सोवा हर तरह की मदद करेगा। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि सुरक्षित माहौल बनाने के लिए सभी को आगे आना होगा। मानव तस्करी, यौन शोषण व महिला उत्पीड़न के खिलाफ बाल संरक्षण आयोग, इप्सोवा व महिला आयोग ने बहुत काम किया है। यदि हम सभी एकजुट होकर कार्य करेंगे, तो महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल तैयार हो सकेगा। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने कहा कि बिना सबके सहयोग के हम कुछ नहीं कर सकते। आप लाज-शर्म छोड़कर अपनी बात हमारे पास तक पहुंचाएं, हम आपके साथ हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों को शिक्षित करें तो परिवार, समाज व देश आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पुलिस अधीक्षक आलोक, प्रीति होमकर, रागिनी सिंह, डेजी सिन्हा व अलका श्रीवास्तव समेत विद्यालय की छात्राएं व शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।

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नुक्कड़ नाटक का मंचन कर किया जागरूक

कार्यक्रम के दौरान सुनो द्रौपदी नामक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक के माध्यम से बताया गया कि जब किसी महिला पर अत्याचार होता है, तो पूरा समाज पंगु होकर देखता रहता है। ऐसे में पीड़िता को ही अपनी लड़ाई लड़नी होगी। कार्यक्रम का संचालन शांति वाहिनी के प्रमुख ऋषिकांत ने किया।

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शहीद की पत्नी को किया सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए विजय सोरेंग की पत्नी कार्मेल बा को शाल ओढ़ाकर व प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया निवासी लेडी टार्जन के नाम से विख्यात पद्मश्री जमुना टुडू, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट की रिटायर्ड पुलिस अधिकारी आराधना सिंह, जमशेदपुर में पोस्टेड पुलिस ऑफिसर रेनू गुप्ता, पांच केस में छह मानव तस्करों को दस वर्ष की सजा दिलाने वाली इंस्पेक्टर राजे कुजूर एवं गुमला में पैड बैंक शुरू करने वाली स्वाति शिखा की मां को सम्मानित किया गया। वहीं, सिमलबेड़ा गांव की महिलाओं को पौधे भेंट किए गए।

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लगाया गया स्वास्थ्य शिविर

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित महिला दिवस कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया। शिविर में करीब पांच सौ छात्राओं और आसपास की महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की गई। साथ ही निश्शुल्क दवा का भी वितरण किया गया।

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