लोकसभा व विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगेः जॉन जुनास

कोचांग सामूहिक दुष्कर्म के मास्टरमाइंड जॉन जुनास तिडू ने कहा है कि हम अपनी लड़ाई के लिए आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

By Edited By: Publish:Tue, 10 Jul 2018 11:16 PM (IST) Updated:Wed, 11 Jul 2018 04:29 PM (IST)
लोकसभा व विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगेः जॉन जुनास
लोकसभा व विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगेः जॉन जुनास

खूंटी। जिला पुलिस से फरार चल रहे स्वयंभू नेता सह कोचांग सामूहिक दुष्कर्म के मास्टरमाइंड जॉन जुनास तिडू ने मंगलवार को दूरभाष पर कहा कि जिला प्रशासन जानबूझकर मुझे कोचांग दुष्कर्म घटना से जोड़ रहा है, जबकि इस घटना में मेरा कोई भी हाथ नहीं है। यह सब पत्थलगड़ी को डैमेज करने की साजिश है। इससे हमलोग डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हम आदिवासियों के लिए नहीं है। आदिवासी इस देश के राजा हैं। हम आदिवासी लोकतंत्र की आलोचना करते हैं, क्योंकि हमलोग ननजूडिसियल क्षेत्र में रहते हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो शासन व्यवस्था चल रही है, उससे हम आदिवासियों का अधिकार लूटा जा रहा है। वोट व्यवस्था के कारण स्थानीय संपदा की लूटा-खसोट हो रही है। हमारे अधिकार को छीना जा रहा है। इसके लिए हमें पूरे देश के आदिवासियों को जगाना होगा। हमारी व्यवस्था कुदरती व्यवस्था से संचालित होती है। हम अपनी लड़ाई के लिए आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। आदिवासी ग्रामसभा इलेक्शन नहीं सेलेक्शन पर विश्वास करती है। हमारी व्यवस्था में लोकतंत्र नहीं ग्रामसभा ही सर्वेपरि होती है। उन्होंने कहा कि 1996 में पेशा कानून बना था। इस कानून के तहत हमारे अधिकारों को छीन लिया गया। पेशा कानून के माध्यम से पंचायती राज्य घोषित किया गया। पंचायती राज्य भी हम आदिवासियों के लिए सही नहीं रहा। इसमें आदिवासियों के अधिकारों का हनन हुआ, इसलिए हमें पेशा कानून को भी उतार कर फेंकना होगा।

आने वाले पंचायती चुनाव भी वर्जित क्षेत्र में होने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के लिए संविधान में दिए गए अधिकारों की बातों की जानकारी के लिए गांव के सीमाने पर हमलोगों ने पत्थलगड़ी की। इसमें कोई गलत काम नहीं किया है। हम पत्थर में अंकित कर अपने लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। वर्जित क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन का कोई अधिकार नहीं होता है। यहां पर ग्रामसभा का अधिकार चलता है। हमलोग अपने ग्रामसभा को सशक्त कर रहे हैं। इसे शासन-प्रशासन नहीं रोक सकता है। वहीं पत्थलगड़ी की बात पर कहा कि कुछ दिनों के लिए इस रोका गया है, जल्द ही जिस गांव में पत्थलगड़ी नहीं हुई हैं, वहां की जाएगी। संबंधित गांव के ग्रामसभा द्वारा निर्णय लेकर ग्रामप्रधान पत्थलगड़ी करेंगे।

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