विश्व का सबसे बड़ा संविधान भारत का : सचिव

जामताड़ा संविधान दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में मंगलवार को व्यवहार न्यायालय के सभागार में संविधान प्रस्तावना को ले एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुशेश्वर सिकु ने न्यायालय कर्मियों व पारा लीगल वोलेंटियर को डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के बने संविधान प्रस्तावना को पढ़कर सुनाया और बताया कि आज के ही दिन 26 नवंबर 1949 को इसे अंगीकार किया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Nov 2019 06:13 PM (IST) Updated:Tue, 26 Nov 2019 06:13 PM (IST)
विश्व का सबसे बड़ा संविधान भारत का : सचिव
विश्व का सबसे बड़ा संविधान भारत का : सचिव

जामताड़ा : संविधान दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में मंगलवार को व्यवहार न्यायालय के सभागार में संविधान प्रस्तावना को ले एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुशेश्वर सिकु ने न्यायालय कर्मियों व पारा लीगल वोलेंटियर को डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के बने संविधान प्रस्तावना को पढ़कर सुनाया और बताया कि आज के ही दिन 26 नवंबर 1949 को इसे अंगीकार किया गया था। बाद में यह 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। सचिव ने बताया कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है और इस संविधान के अंतर्गत ही पूरे देश के सभी लोग काम करते हैं। आज उसी की याद में यह संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इसे राष्ट्रीय कानून दिवस का भी नाम दिया गया है। हमें अपने संविधान के प्रति सदैव सचेत रहना चाहिए। संविधान में हमारे वह सारे अधिकार दिए गए हैं जिन्हें मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक की जरूरत पड़ती है। मौके पर मध्यस्थता केंद्र के सदस्य सौमित्र सरकार, मोहम्मद सुफियान, अरूप सरकार, सुरेश प्रसाद सिंह, जगन्नाथ रजक, संजीव कुमार, जीतेंद्र सिंह, उपेंद्र सिंह, नागेंद्र शर्मा, कोट मैनेजर शुभेंदु महंती, श्याम नंदन सहाय, विमल टुडू सहित अन्य लोग मौजूद थे। वहीं सदर प्रखंड परिसर में कर्मियों ने संविधान प्रस्तावना की शपथ लेते हुए दिवस मनाया।

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