देसी शराब के खिलाफ कार्रवाई पर ग्रामीण उग्र

जामताड़ा/पबिया (जामताड़ा) : मंगलवार दोपहर को नारायणपुर थाना क्षेत्र के मदनाडीह पंचायत के

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 07:42 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 07:42 PM (IST)
देसी शराब के खिलाफ कार्रवाई पर ग्रामीण उग्र
देसी शराब के खिलाफ कार्रवाई पर ग्रामीण उग्र

जामताड़ा/पबिया (जामताड़ा) : मंगलवार दोपहर को नारायणपुर थाना क्षेत्र के मदनाडीह पंचायत के मदनाडीह, रामपुर व मोहरागांव में गांव में उत्पाद विभाग की टीम ने छोपमारी कर कई घरों में बनाकर रखी गई अवैध देसी शराब व उसके बर्तनों को नष्ट करने की कार्रवाई की। वहां शराब चुलाई केंद्रों से अस्सी किली जावा महुआ, 25 लीटर अवैध देसी शराब जब्त करने के अलावा बर्तनों को नष्ट किया गया। इसके बाद आदिवासी भी डुगडुगी बजाकर गोलबंद हो गए। साथ ही चेतावनी दी कि यहां सरकारी शराब दुकान भी नहीं चलने देंगे।

इधर उत्पाद अधीक्षक दिलीप ¨सह ने बताया कि अभियान के तहत अवैध देसी बनाने के ठिकानों को नष्ट किया जा रहा है। सूचना मिलने पर अवर निरीक्षक देवी लाल सोरेन के नेतृत्व में उत्पाद पुलिस अधिकारी निर्मल मरांडी, किशोर कुमार को जिला पुलिस बल के साथ वहां छापेमारी करवायी गई। उसके बाद ग्रामीण विरोध पर उतर गए। कहा कि यह सरकारी अभियान है। आगे भी आगे भी अवैध देसी शराब के खिलाफ कार्रवाई होती रहेगी।

इधर विरोध पर उतरे ग्रामीण राजेश बेसरा, सिबलाल टुडू, श्रीकांत सोरेन, अरुण टुडू, ओपिनंदर सोरेन, कारू सोरेन ने बताया कि गांव में मनसा पूजा का त्योहार था। आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार देवी-देवता को शराब चढ़ायी जाती है। यह झारखंड की परंपरा है। इसके बावजूद साजिश के तहत उत्पाद विभाग कार्रवाई कर रहा है। उत्पाद विभाग पहले सरकारी शराब दुकान को बंद करे। सरकारी शराब दुकान के बगल में स्कूल एवं दो-चार गांव बसे हुए हैं जिससे गांव का शैक्षणिक माहौल बिगड़ रहा है। रामपुर के क्षेत्र में एक भी शराब भट्ठी नहीं है। बावजूद इसके प्रशासन ने कार्रवाई की। कहा कि घरों में रखे सामान को भी तोड़ा गया। कुछ घरों में सामान को प्रशासन अपने साथ ले गया। कहा कि हरलाटांड़ की सरकारी शराब दुकान को भी बंद करें नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। मौके पर मुखिया गणेश मरांडी, उपमुखिया बाबूमनी ¨सह, दुबराज ¨सह, कासिम अंसारी, प्रसन्नजीत मंडल, उज्ज्वल मंडल, खेदन मंडल, संतोष सर्वणकार, खेरातली मियां, समसुल अंसारी, सत्यनारायण ¨सह आदि ग्रामीण विरोध जता रह थे।

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