Weekly News Roundup Jamshedpur : खाकी ने खाकी के उड़ाए चिथड़े, पढ़‍िए पुलिस महकमे की अंदरूनी खबर

Weekly News Roundup Jamshedpur.भला कल तक जो साथ-साथ ड्यूटी करते थे वे एक-दूसरे के जानी दुश्मन ऐसे हो सकते हैं। पिटने वाला बिना हेलमेट वाले बाइक सवार को बाज की तरह झपटकर लाता और पीटने वाला उसे नोचता था।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 12:53 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 05:30 PM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur : खाकी ने खाकी के उड़ाए चिथड़े, पढ़‍िए पुलिस महकमे की अंदरूनी खबर
जमशेदपुर पुलिस महकमे की अंदरूनी खबरें आपको हैरान कर देंगी।

जमशेदपुर, अन्‍वेष अम्‍बष्‍ठ। कुछ दिन पहले रांची के मोरहाबादी मैदान में जो जंग हुई, उसे देखकर सभी दंग रह गए। पुरानी पीढ़ी ने तो 1857 के सिपाही विद्रोह और 1984 में रामगढ़ के सैनिकों का हश्र देखा-सुना था, लेकिन नई पीढ़ी के लिए यह हैरान करने वाली घटना थी।

भला कल तक जो साथ-साथ ड्यूटी करते थे, वे एक-दूसरे के जानी दुश्मन ऐसे हो सकते हैं। पिटने वाला बिना हेलमेट वाले बाइक सवार को बाज की तरह झपटकर लाता और पीटने वाला उसे नोचता था। फिर पीटने वाला रोटी का एक टुकड़ा इसी पिटने वाले के आगे फेंक देता था। एक साथ बैरक में रात गुजारते थे। किस्से-कहानी दुख-दर्द बांटते थे। वे ऐसे एक-दूसरे की वर्दी के चीथड़े उड़ाने में लगे थे कि देखने वालों को आंखों का धोखा लग रहा था। यहां भी राजनीति ने रोटी सेंकी। पिटने वाले के साथ भाजपा खड़ी हो गई, जबकि पीटने वालों पर सत्ता सवार थी।

घूम-फिर कर वहीं कोरोना

कभी-कभी जीवन में ऐसा दौर आता है कि कुछ अच्छा नहीं होता। जैसे कोरोना काल। चाहे सरकारी महकमा, चौक-चौराहे, घर और ऑफिस हो। वहां एक ही चर्चा। कोरोना-कोरोना। कहीं विभागीय बैठक हुई तो वह भी इससे अछूता नहीं। मंगलवार को कोल्हान कमिशनर और डीआइजी ने अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की। पूरी बैठक कोरोना पर बीत गई। स्वास्थ्य की सुरक्षा पहली प्राथमिकता बताई गई। प्लाज्मा थेरेपी यूनिट को सशक्त बनाने के निर्देश दिए गए। टाटा मुख्य अस्पताल में मौत के बाद हंगामा के कारण विधि-व्यवस्था प्रभावित होने की बात उठी।अधिकारियों ने अपने-अपने मंतव्य दिए। अस्पताल प्रबंधन ने भी जवाब दिए। डीआइजी ने दारोगा विजय शंकर सिंह की मौत पर पूरी चिकित्सयीय रिपोर्ट मंगवाई। बेहतर इलाज नहीं होने पर नाराजगी जताई, लेकिन आगे क्या उपाय हो जिससे मामला पटरी पर आए। तय हुआ संक्रमितों के इलाज की जानकारी उपलब्ध कराने को ऑनलाइन पोर्टल बनाए जाएं। इसके साथ बैठक खत्म हो गई।

थानेदार ने धर लिया धरती के भगवान को

हालात बहुत खराब है जिसे देखो वायरस-वायरस कर रहा। फिर धरती के भगवान खूब मेहनत कर रहे, लेकिन इसके बाद भी मरीजों के जानने-पूछने वाले खूब सनक रहे हैं। इतना कि धरती के भगवानों को कूट रहे हैं। कल- परसों की बाद ले लीजिए आदित्यपुर में बौखलाए परिजनों एक धरती के भगवान से उलझ गए। डाक्‍टर साहब को लगा कि पुलिस वाले हमदर्द बनेंगे, लेकिन पता नहीं थानेदार कबसे खुन्नस पाले हुए थे। धर लिए धरती के भगवान को ले गये थाने और बैठा दिया। बाकी धरती के भगवानों को पता चला तो वे बिगड़े। तब बचते-बचाते थानेदार बोले-हम तो ऐसा कर सुरक्षा दे रहे थे। मरीज के परिजन बहुत आक्रोशित थे। किसी तरह बचा लाएं थाने से। हम तो यहीं सुरक्षा दे सकते हैं सो दे रहे हैं। बहरहाल, इससे धरती के भगवान हिल गए हैं और सिस्टम हिलाने की सोच रहे हैं। देखिए आगे-आगे होते है क्या।

केवल शराब भट्ठी तोड़ना काम 

हर जगह अपने कारनामे के लिए आबकारी विभाग चर्चा में रहता है। ऐसा विभाग है जिसे सुदूर ग्रामीण इलाके, नदी किनारे और जंगलों में संचालित होने वाले अवैध शराब की भठि्ठयों की जानकारी रहती है] जहां से शराब की सप्लाई पूरे इलाके में होती है। विभाग पर अवैध शराब अड्डे को बंद कराने का दबाव होता है तो टीम सीधे वहां पहुंचती है जहां शराब भठ्ठियों में शराब का निर्माण होता है। उसे ध्वस्त कर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वापस लौट आते हैं, लेकिन इन अड्डों को कौन संचालित कर रहा है] कैसे वहां शराब के निर्माण हो रहे हैं पूछे जाने पर इससे अनभिज्ञता जाहिर करते हैं। बीते छह माह का रिकार्ड को खंगाले तो भठ्ठियां तो टीम ने ध्वस्त की हैं। कभी वहां से रंगेहाथ कभी कोई नहीं पकड़ा गया। ऐसा नहीं होने का कारण छापेमारी की सूचना लीक होना है। बदले में मोटी रकम मुखबिर को मिलती है।

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