गोविंदपुर में 33 मकान मालिकों को आवास बोर्ड की नोटिस, हड़कंप

झारखंड आवास बोर्ड राची ने छोटा गोविंदपुर के करीब 33 मकान मालिकों को नोटिस भेजी है। नोटिस मिलने के बाद गोविंदपुर के मकान मालिकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Sep 2019 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 15 Sep 2019 09:00 AM (IST)
गोविंदपुर में 33 मकान मालिकों को आवास बोर्ड की नोटिस, हड़कंप
गोविंदपुर में 33 मकान मालिकों को आवास बोर्ड की नोटिस, हड़कंप

जासं, जमशेदपुर : झारखंड आवास बोर्ड राची ने छोटा गोविंदपुर के करीब 33 मकान मालिकों को नोटिस भेजी है। नोटिस मिलने के बाद गोविंदपुर के मकान मालिकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

जानकारी के अनुसार कुल 125 लोगों को नोटिस भेजा जाना है। इसमें से फि लहाल 33 मकान मालिकों को नोटिस जाने के बाद जल्द ही बाकी मकान मालिकों को नोटिस दिया जाएगा। गोविंदपुर के मेन रोड के बायीं ओर चादनी चौक से डिस्पेंसरी मोड़ तक के करीब 33 मकान मालिक को नोटिस दिया गया है। दिए गए नोटिस में बताया गया है कि जिस जमीन पर उनका मकान बना हुआ है वह हाउसिंग बोर्ड की है। इस पर 1998 से उनका कब्जा है। इन सभी मकान मालिकों को बोर्ड के न्यायालय में उपस्थित होकर सच दिखाने को कहा गया था जिसमें कई मकान मालिकों ने पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत किया। नोटिस के अनुसार जिस जमीन पर उनका कब्जा है वह हाउसिंग बोर्ड की है। इस पर 1998 से अतिक्रमण कर रखे हैं। आवास बोर्ड अधिनियम 2000 की धारा 59/83 के अंतर्गत आपको प्रतिवादी करार देते हुए आपके विरुद्ध उक्त भूखंड से आप को निष्कासित करने तथा नुकसान की राशि जमा करने को कहा गया है। इसमें प्रति 100 वर्ग मीटर भूमि के लिए 20 रुपये तथा निर्मित मकान के लिए प्रतिदिन 50 रुपये कि दर से एक मई 1998 से 2017 तक की राशि जमा करानी होगी। साक्ष्य के अभाव अथवा गलत साथ प्रस्तुत करने की स्थिति में उक्त भूखंड से निष्कासित करने तथा नुकसान की वसूली के लिए आदेश पारित की जाएगी।

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नोटिस को लोगों में बेचैनी व आक्रोश

गोविंदपुर अन्ना चौक से पीपला मोड़ तक निर्माणाधीन सड़क को लेकर इन मकान मालिकों को कई बार नोटिस भेजा गया है। इसके अनुसार कई बार मापी भी की गई। मापी के बाद मकानों को तोड़ा गया। एक बार फि र नोटिस भेजने के बाद इनके बीच हड़कंप और आक्रोश पनप रहा है। लोगों का कहना है कि शाति से रह रहे लोगों के बीच विकास के नाम पर घर को उजाड़ना गलत है। बस्तीवासी इसका पूरजोर विरोध करेंगे।

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