मंदी की मार : आधे से कम हो गई दो पहिया और चारपहिया वाहनों की बिक्री Jamshedpur News

मंदी की मार से जमशेदपुर का वाहन बाजार करार रहा है। यहां दोपहिया और चारपहिया वाहनाें की बिक्री में साठ फीसद तक गिरावट आई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 30 Aug 2019 09:52 AM (IST) Updated:Fri, 30 Aug 2019 09:52 AM (IST)
मंदी की मार : आधे से कम हो गई दो पहिया और चारपहिया वाहनों की बिक्री Jamshedpur News
मंदी की मार : आधे से कम हो गई दो पहिया और चारपहिया वाहनों की बिक्री Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  देश में आई आर्थिक मंदी के कारण ऑटो सेक्टर में भी नरमी है। ऐसे में शोरूम मालिक से लेकर ग्राहक तक, हर किसी की इच्छा है कि सरकार जो एक से अधिक वाहनों की खरीद पर तीन प्रतिशत एडिशनल वेल्यू एडेड टैक्स (वैट) लगाया है, उसे अगर हटा दे। इससे ऑटो सेक्टर में फिर से बूम आ सकती है। इससे ग्राहक पर लगभग 25 से 30 हजार का अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है। 

मंदी का असर जमशेदपुर के बाजारों पर भी पड़ रहा है। यहां बड़ी संख्या में दो व चार पहिया के वाहन हैं। लेकिन मंदी के कारण अधिकतर शोरूम के सेल में लगभग 60 प्रतिशत तक की कमी आई है। जमशेदपुर में वाहन उद्योग से जुड़े व्यापारियों को उम्मीद है कि कंपनियों में होने वाले बोनस व फेस्टिवल सीजन में स्थिति में सुधार होगी। 

कंफ्यूजन में हैं ग्राहक 

बिष्टुपुर स्थित मारूति शोरूम के सेल्स मैनेजर अमित कुमार का मानना है कि ग्राहक कंफ्यूज हैं, बीएस-4 और बीएस-6, बैटरी कार, इलेक्ट्रिक कार को लेकर। ग्राहक सोचते हैं कि बीएस-4 अभी नहीं लेंगे क्योंकि जल्द ही नया वर्जन आने वाला है। अभी कार ले ली तो संभवत: अप्रैल 2020 के बाद नियम बदल जाए। इसी ऊहापोह को देखने के बाद केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किए हैं। उन्हें घोषणा करनी पड़ी कि बीएस-4 वाहनों का निबंधन बंद नहीं होगा। 

उद्योग वाहनों पर पड़ा सरकार की नीतियों का असर

एक शोरूम संचालक का कहना है कि इस देश में मध्यम वर्ग वाले परिवारों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन सरकार ने वाहनों पर वैट, 14 प्रतिशत जीएसटी, 14 प्रतिशत सीजीएसटी और सेस लगा दिए हैं। इसके कारण भी मध्यमवर्गीय परिवार का बजट गड़बड़ा गया है। इसके कारण भी वाहनों की बिक्री पर असर पड़ा है। 

 सबसे ज्यादा ऑफर अभी 

मारूति के सेल्स मैनेजर अमित कुमार का कहना है कि अधिकतर ग्राहक फेस्टिवल सीजन के इंतजार में बैठे हैं कि उन्हें ज्यादा ऑफर मिले। जबकि सच्चाई यह है कि इस समय सबसे ज्यादा ऑफर हैं। सिर्फ मारूति की बात करें तो यहां कई मॉडल पर कैश डिस्काउंट, एक्सचेंज ऑफर दिए जा रहे हैं। वहीं, बैंकर्स, टीचर, डॉक्टर को कॉरपोरेट ऑफर दिए जा रहे हैं।  अगर ग्राहक टाटा समूह के कर्मचारी हैं तो उन्हें 10 हजार रुपये का अतिरिक्त डिस्काउंट दिए जा रहे हैं। 

ब्लॉक क्लोजर का पड़ा बिक्री पर असर 

कई शोरूम संचालक मानते हैं कि टाटा मोटर्स में आए ब्लॉक क्लोजर से आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कई कंपनियां बंद हो गई हैं। इसके कारण भी कई कर्मचारियों की नौकरियों पर असर पड़ा है। इसका असर भी बिक्री पर है। अब सबको टाटा स्टील, टाटा मोटर्स सहित उनकी अनुषंगी इकाई में होने वाले बोनस समझौते का इंतजार है। शोरूम मालिकों को उम्मीद है कि जून, जुलाई व अगस्त में जो सेल्स डाउन था उसे गणेश पूजा से दीपावली व छठ और क्रिसमस तक पूरा कर लिया जाएगा। 

 ऑफरों की भरमार

कई कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए दो व चार पहिया के वाहनों में जबदस्त ऑफर दे रही हैं। अगर मारूति के वाहनों की बात करें तो यहां खरीदारी पर 10 से 50 हजार रुपये तक की छूट (शर्ते लागू) दी जा रही है। साथ ही डीजल वर्जन के वाहनों पर पांच साल तक वारंटी दे रही है। हुंडई में चुनिंदा कारों पर 95 हजार रुपये की छूट है। कुछ दोपहिया कंपनियां खरीदारी पर एक्ससरीज सहित 2000 रुपये तक की छूट दे रही हैं। 

बोनस से उम्मीद

केंद्र सरकार अगर तीन प्रतिशत एडिशनल वैट हटा ले तो बाजार बेहतर हो सकता है। हमें उम्मीद है कि टाटा समूह की कंपनियों में बोनस समझौता होने के बाद बाजार बेहतर होगा। 

-अमित कुमार, सेल्स मैनेजर, मारूति

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