आतंकी हमले के डर से नहीं गए 150 श्रद्धालु

राव परिवार सात जुलाई को ही बाबा बर्फानी का दर्शन कर सोमवार को जम्मू पहुंच गया था। उनके जत्थे में 13 लोग हैं, जिनमें नौ महिलाएं हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 11 Jul 2017 12:49 PM (IST) Updated:Tue, 11 Jul 2017 01:46 PM (IST)
आतंकी हमले के डर से नहीं गए 150 श्रद्धालु
आतंकी हमले के डर से नहीं गए 150 श्रद्धालु

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले की घटना से शहर में सनसनी फैल गई। यहां से सैकड़ों लोग प्रतिवर्ष अमरनाथ की यात्रा पर जाते हैं, जिनमें से अधिकांश लोग लौट आए। वहीं साकची स्थित बंगाल क्लब के पास टाटा स्टील कर्मी वाई. श्रीनिवास राव का परिवार नहीं लौटा है। हमले के बाद जब शहरवासियों ने श्रीनिवास राव से फोन पर बातचीत की, तो राहत की सांस ली। राव परिवार सात जुलाई को ही बाबा बर्फानी का दर्शन कर सोमवार को जम्मू पहुंच गया था। उनके जत्थे में 13 लोग हैं, जिनमें नौ महिलाएं हैं। बाबा बर्फानी जत्था के अजीत कुमार ने बताया कि कई लोगों को यह पहले से अंदेशा था कि कुछ अनहोनी हो सकती है।

इसी वजह से इस बार उनके जत्थे में 11 लोगों ने परिवार के मना करने पर यात्रा रद कर दी थी। इसके बावजूद उनके जत्थे में 31 लोग गए थे। वहीं बारीडीह के जी. नरेश ने बताया कि उनके जत्थे में 121 लोग गए थे, लेकिन वे लोग 29 जून को दर्शन करके दो जुलाई को शहर आ गए थे। बारीडीह के ही मगनलाल शर्मा ने बताया कि पिछले साल भी कश्मीर में हमला हुआ था। संयोग रहा कि सात जुलाई को वे लोग दर्शन करके लौटे थे और आठ जुलाई को आतंकी बुरहान वानी मारा गया था।

इसके बाद से कश्मीर में पत्थरबाजी की घटना तेज हुई थी। पत्थरबाजी शहरी क्षेत्र में होती है, ग्रामीण इलाकों में नहीं। सोनमर्ग के बाद शहरी इलाका शुरू होता है, जबकि श्रीनगर के बाद गुफा या टनल पार करते ही कश्मीर का वह इलाका पड़ता है, जहां आतंकी गतिविधियां होती रहती हैं।

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