गम्हरिया के बीईईओ के खिलाफ शिक्षक संघ ने दिया वर्चुअल धरना

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ कोल्हान प्रमंडल के आह्वान पर सरायकेला-खरसांवा जिला के गम्हरिया के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कानन कुमार पात्र द्वारा आदिवासी महिला शिक्षिका राधे पूर्ति को प्रताड़ित किए जाने के प्रतिवाद में रविवार को अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ मुसाबनी के सदस्यों द्वारा वर्चुअल धरना दिया गया..

By JagranEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 07:00 AM (IST)
गम्हरिया के बीईईओ के खिलाफ शिक्षक संघ ने दिया वर्चुअल धरना
गम्हरिया के बीईईओ के खिलाफ शिक्षक संघ ने दिया वर्चुअल धरना

संसू, मुसाबनी : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ कोल्हान प्रमंडल के आह्वान पर सरायकेला-खरसांवा जिला के गम्हरिया के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कानन कुमार पात्र द्वारा आदिवासी महिला शिक्षिका राधे पूर्ति को प्रताड़ित किए जाने के प्रतिवाद में रविवार को अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ मुसाबनी के सदस्यों द्वारा वर्चुअल धरना दिया गया।

धरने के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रशासन से कहा कि शिक्षिका राधे पूर्ति की द्वितीय सेवा पुस्तिका बनाने हेतु प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी द्वारा रुपये की मांग की गई। रुपया नहीं देने पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर प्रताड़ित किया गया। ज्ञात हो कि प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के खिलाफ एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। कोल्हान प्रमंडल के 2000 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने इस वर्चुअल धरने में भाग लिया। राधे पूर्ति को न्याय दिलाने एवं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गम्हरिया के अविलंब गिरफ्तारी की मांग की गई है। मुसाबनी प्रखंड से भी अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के सौ से अधिक शिक्षकों ने इस वर्चुअल धरने में भाग लेकर एकजुटता का परिचय दिया। इसमें मुख्य रूप से संघ के अध्यक्ष राजकुमार रोशन, सुजीत कर्ण, मो. सुलेमान, बासेत मार्डी, विवेकानंद दास समेत संघ के कई पदाधिकारी व शिक्षक शामिल थे। मोहनलाल अग्रवाल के निधन पर चाकुलिया में शोक : अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष चैंबर ऑफ कॉमर्स के नेता मोहनलाल अग्रवाल के निधन पर चाकुलिया के व्यवसायियों ने शोक जताया है। स्थानीय लघु उद्योग संघ की ओर से अध्यक्ष दुर्गादत्त लोधा, सचिव दीपक झुनझुनवाला, मलय खां, गणेश रुंगटा, शंकर रुंगटा आदि ने मोहनलाल अग्रवाल के निधन को समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया। कहा कि वे सदैव वैश्य समाज एवं आम लोगों के हित के लिए तत्पर रहते थे। उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता और न ही उनकी कमी की भरपाई हो सकती है।

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