बच्चों के गोलमाल में पल्ला झाड़ रहे जिम्मेदार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मिशनरीज ऑफ चैरिटी में शिशुओं को बेचे जाने का मामला सामने

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Jul 2018 09:47 PM (IST) Updated:Wed, 11 Jul 2018 09:47 PM (IST)
बच्चों के गोलमाल में पल्ला झाड़ रहे जिम्मेदार
बच्चों के गोलमाल में पल्ला झाड़ रहे जिम्मेदार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मिशनरीज ऑफ चैरिटी में शिशुओं को बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद अनाथालयों का संचालन करनेवाली तमाम संस्थाएं जांच के घेरे में आ गई हैं। मानगो के डिमना रोड स्थित शंकोसाई में संचालित सोमाया मेमोरियल चिल्ड्रेंस होम में रहे बच्चों को लेकर बड़ा सवाल यह है कि आखिर वे बच्चे कहां हैं?

सोमाया मेमोरियल चिल्ड्रेंस होम नाम से अनाथालय का संचालन करनेवाली विनीता सोमाया का कहना है कि उन्होंने सभी नियमों का पालन करते हुए अनाथालय को बंद किया। बच्चों को उनके माता-पिता या रिश्तेदारों को सौंप दिया था। यह प्रक्रिया समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के सामने पूरी की गई।

इस बारे में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी लक्ष्मी भारती का कहना है कि जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ही कुछ बता सकती हैं। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी चंचल कुमारी ने गोलमोल जवाब देते हुए इतना ही माना कि बच्चों को हैंडओवर की प्रक्रिया में उन्हें बुलाया गया था लेकिन उन्हें बच्चों की कोई लिस्ट नहीं दी गई। थोड़ी देर वहां रुक कर वे लौट गई।

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समाज कल्याण निदेशालय से हुई 29 लाख 54 हजार 900 रुपये की फंडिंग

बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के मुख्य संयोजक सदन कुमार ठाकुर की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार सोमाया चिल्ड्रेंस होम को अनाथालय के बच्चों की देखभाल के लिए तीन किस्तों में कुल 29 लाख 54 हजार 900 रुपये की फंडिंग समाज कल्याण निदेशालय से की गई थी। वित्तीय वर्ष 2013-14 में 11 लाख 65 हजार रुपये, 2009-10 में 6 लाख 24 हजार 900 रुपये, व 2010-11 में 11 लाख 65 हजार रुपये इस संस्था को बैंकर्स चेक के माध्यम से रुपये दिए गए थे।

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बच्चों की सूची भी संदेह के घेरे में

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में जिन बच्चों की सूची सोमाया मेमोरियल चिल्ड्रेंस होम की ओर से उपलब्ध कराई गई वह भी संदेह के घेरे में है। सूची में शामिल बच्चों के माता-पिता के नाम के साथ उनके पते भी दिए गए हैं। सवाल यह है कि यदि बच्चे अनाथ थे तो उनके माता-पिता व आवासीय पता का जिक्र कैसे किया गया।

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कहां गए बच्चे, खोजे सरकार : सदन ठाकुर

अनाथालयों से बच्चों को बेचे जाने की आशंका जताते हुए जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय व सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से कार्रवाई की गुहार लगानेवाले बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के मुख्य संयोजक सदन कुमार ठाकुर ने सरकार से गुहार लगाई है कि बड़ी संख्या में बच्चे गायब हैं। वे बच्चे कहां गए और उनका क्या हुआ, इसकी खोज कर सरकार उनका पता लगाए। जब बच्चों के नाम, उनके अभिभावकों के नाम व पता मौजूद है तो उन्हें तलाशने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

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मामला बाल संरक्षण पदाधिकारी से जुड़ा : लक्ष्मी भारती

जिला समाज कल्याण पदाधिकारी लक्ष्मी भारती ने कहा कि यह मामला जिला बाल संरक्षण विभाग से जुड़ा है। मेरा काम केवल कल्याण योजनाओं के समन्वय का है। अनाथालयों को फंडिंग का नियम व पैमाना क्या है? इस सवाल को भी उन्होंने जिला बाल संरक्षण विभाग से जुड़ा बताया।

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मुझे नहीं मिली कोई लिस्ट : चंचल कुमारी

जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी चंचल कुमारी ने इस मामले में कहा कि सोमाया मेमोरियल चिल्ड्रेंस होम ने जब अनाथालय बंद किया तो मुझे बुलाया गया था। मैं वहां गई। जिन्हें बच्चों को सौंपा जा रहा था वे बच्चों के रिश्तेदार ही लग रहे थे। थोड़ी देर बाद ही मैं लौट आई। संस्थान की ओर से मुझे बच्चों की कोई लिस्ट नहीं दी गई। इस बारे में समाज कल्याण पदाधिकारी ही कुछ बता सकती हैं।

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निर्मल हृदय से कहां गए 360 बच्चे, टीम कर रही जांच

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सरकार के आदेश पर मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित बाराद्वारी स्थित निर्मल हृदय में 2003 से 2018 तक के बीच में कुल 383 बच्चे आए। इनमें से 23 बच्चे अभी निर्मल हृदय में रह रहे हैं। बाकी बच्चे कहां गए, इसकी जांच वरीय आरक्षी अधीक्षक द्वारा गठित जांच टीम कर रही है।

निर्मल हृदय से लाए गए कागजातों की बुधवार को हुई जांच में यह बात समाने आई कि निर्मल हृदय में लाए गए अधिकांश बच्चे पूर्वी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिले के हैं। 13 बच्चे जिन्हें निर्मल हृदय के लोग उनके अभिभावकों को या इच्छुक को गोद दे दिया गया बता रहे हैं, इनकी पहचान व पता आदि संदिग्ध लग रहे हैं। अब टीम का पूरा फोकस इस बात पर है कि इन सभी 13 लोगों की पहचान और पते आदि की गहनता से जांच करने के बाद मौके पर जाकर इनका सत्यापन भी किया जाएगा। यह जांच अभी कई दिन और चलेगी।

2015 के पहले का दस्तावेज नहीं

जांच में इसका भी खुलासा हुआ कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बाराद्वारी स्थित निर्मल हृदय में 2015 के पहले के कोई दस्तावेज भी नहीं हैं। ऐसा क्यों है, टीम इसकी भी गहनता से जांच कर रही है। टीम में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य आलोक भास्कर, सीडीपीओ सदर दुर्गेश नंदिनी, महिला थाना प्रभारी लक्ष्मी कुमारी और साकची थाने के सब इंस्पेक्टर दिवाकर दूबे शामिल हैं और ये सभी अपनी जांच की रिपोर्ट सिटी डीएसपी अनुदीप सिंह को दे रहे हैं और इस मुकम्मल जांच की रिपोर्ट एसएसपी के जरिए सरकार को भेजी जाएगी। ------------------

अनाथालय निर्माण को एक करोड़ 20 लाख विदेशी फंड लेने का आरोप

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई की ओर से सोमाया पब्लिक स्कूल व अनाथालय से 47 बच्चों के गायब होने का आरोप लगाते हुए बच्चों को खोजने की मांग की गई है। पार्टी के विकास सिंह व राजेश साव ने उपायुक्त को सौंपे गए शिकायती पत्र में कहा है कि टिमकेन फाउंडेशन ऑफ केंटोन जेफ्री की साइट पर दिखाया गया है कि सोमाया मेमोरियल चिल्ड्रेंस होम को अनाथालय का निर्माण करने के लिए 1, 49, 676 डॉलर यानी करीब एक करोड़ 20 लाख रुपये दिए गए। अनाथालय का निर्माण करने की जगह इसे बंद कर दिया गया। तस्करी की आशंका जताते हुए संस्था के कार्यकलापों की जाच की मांग की गई है।

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