दिनदहाड़े इस महिला ने कर डाली ऐसी करतूत, सीसीटीवी कैमरे में हुई कैद Jamshedpur News
अस्पताल में उस वक्त आफरा-तफरी मच गई जब एक नवजात की चोरी हो जाने की सूचना आग की तरफ फैली।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उस वक्त आफरा-तफरी मच गई जब एक नवजात की चोरी हो जाने की सूचना आग की तरफ फैली। सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवान से लेकर अस्पताल प्रबंधन तक के कान खड़े हो गए। वहीं देखने-सूनने के लिए मरीजों की भी भीड़ जमा हो गई।
चाईबासा के बड़ागुइरा गांव निवासी नौरु पूर्ति बुधवार की शाम करीब चार बजे जब वह एमजीएम उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी से शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और सीसीटीवी कैमरा खंगाला। इसमें ब्लू रंग की साड़ी में एक महिला की तस्वीर साफ-साफ दिख रही है, जो नवजात की नानी से लेकर उसे चलते बनी। नौरु पूर्ति ने बताया कि बुधवार की सुबह करीब चार बजे प्रसव पीड़ा होने पर उसने अपनी पत्नी पंगेला पूर्ति को एमजीएम में भर्ती कराया। सुबह करीब छह बजे ऑपरेशन से महिला का प्रसव हुआ। इसके बाद पंगेला को ऑब्जर्वेशन रूम में रखा गया था। इस दौरान ब्लू रंग की साड़ी पहनी हुई महिला उनलोगों से कई बार संपर्क कर नजदीकियां बढ़ा ली और चकमा देने में सफल रही।
इस तरह चकमा देकर बच्ची को लेकर चलती बनी महिला
दोपहर करीब 11 बजे जच्चा-बच्चा दोनों ऑब्जर्वेशन रूम में थे। तभी ब्लू रंग की साड़ी पहनी महिला ने आयुष्मान कार्ड व टीकाकरण कार्ड बनवाने की सलाह दी और कहा कि इससे तमाम सरकारी सुविधाएं और सारा इलाज मुफ्त में होगा। कार्ड बनवाने के लिए नवजात बच्ची को लेकर चलना होगा। इसे सुनकर नवजात बच्ची की नानी, बुआ व उसके पिता तीनों रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास आए।
और बच्ची सहित गायब हाे गई महिला
इसके बाद आरोपित महिला ने बच्ची के पिता को आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए लाइन में खड़ा कर दिया। वहीं बच्ची को उसकी नानी रजिस्ट्रेशन काउंटर के समीप ही बैठी हुई थी। इसी दौरान बच्ची की बुआ को मोबाइल चार्ज करने के लिए भेज दिया। अब बच्ची की नानी अकेली पड़ गई। इसे देख उससे कहा कि पंगेला काफी देर से अकेले है। उसे देखकर आइए। हम बच्ची को पकड़ लेते है। इसी बीच मौका पाकर वह बच्ची को लेकर भागने में सफल रही। तभी 12.15 बज रहा था। दोबारा जब बच्ची की नानी वापस आकर देखी तो वह महिला गायब थी। इसके बाद काफी देर तक उसे ढूंढा गया लेकिन वह नहीं मिली।
पहली बच्ची थी इसलिए नाम रखा गया लक्ष्मी
नौरु पूर्ति की बहन संगीता सुंडी ने बताया कि यह पहली बच्ची थी इसलिए पूरे परिवार की सहमति के उसका नाम लक्ष्मी रख दिया गया था। लेकिन, कुछ ही देर के बाद उसे एक महिला लेकर भाग गई। घटना के बाद परिजन सबसे पहले साकची थाना पहुंचे। लेकिन, वहां उसे किसी तरह की मदद नहीं मिली। इसके बाद वे लोद लौटकर अस्पताल आए। यहां से फिर सीतारामडेरा थाना भेजा गया। इधर, घटना की जानकारी नवजात की मां को हुई तो उसका रो-रोकर बुरा हाल था। वह नवजात को देखना चाहती थी। दूसरे मरीज उसको भरोसा दे रहे थे कि उनका बच्चा मिल जाएगा।
ये कहते अधीक्षक
अस्पताल से बच्ची चोरी होना गंभीर मामला है। महिला कौन थी और वह अस्पताल कैसे पहुंची, इसकी जांच की जा रही है। अस्पताल में टीकाकरण कार्ड बनवाने के लिए लाइन नहीं लगना पड़ता है।
डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम।