Jharkhand: स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे टाटा-मणिपाल मेडिकल कालेज, कहा-केंद्र बेवजह लगा रहा अड़ंगा

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री शनिवार को बारीडीह स्थित टाटा-मणिपाल मेडिकल कालेज परिसर का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि इसकी आधारभूत संरचना बेहतरीन है लेकिन इसे शुरू करने में केंद्र सरकार बेवजह अड़ंगा लगा रहा है। केंद्र सरकार उत्साह बढ़ाने की जगह हमें हतोत्साहित कर रहा है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Sat, 14 Nov 2020 05:03 PM (IST) Updated:Sat, 14 Nov 2020 05:03 PM (IST)
Jharkhand: स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे टाटा-मणिपाल मेडिकल कालेज, कहा-केंद्र बेवजह लगा रहा अड़ंगा
स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे टाटा-मणिपाल मेडिकल कालेज। जागरण

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री शनिवार को बारीडीह स्थित टाटा-मणिपाल मेडिकल कालेज परिसर का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि इसकी आधारभूत संरचना बेहतरीन है, लेकिन इसे शुरू करने में केंद्र सरकार बेवजह अड़ंगा लगा रहा है। केंद्र सरकार उत्साह बढ़ाने की जगह हमें हतोत्साहित कर रहा है। वैसे राज्य सरकार इस मुद्​दे पर गंभीर है और लगातार पत्राचार किया जा रहा है।

दरअसल टाटा-मणिपाल मेडिकल कालेज का प्रथम सत्र इसी वर्ष से शुरू होना था, लेकिन प्रथम वर्ष में 150 सीट पर दाखिला पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दिया है। यह मामला झारखंड हाईकोर्ट में पहुंच गया है, जिसकी सुनवाई 24 नवंबर को होनी है। उनके कानूनी सलाहकार जयप्रकाश ने बताया कि मामला यूजीसी का हवाला देकर केंद्र सरकार के मानव संसाधन विभाग ने लटकाया है, जबकि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने हरी झंडी दे दी है। वास्तव में एमएचआरडी यूजीसी से स्वीकृति मिलने के बाद ही दाखिला लेने की अनुमति देने की बात कह रहा है, जबकि नियम के मुताबिक डीम्ड यूनिवर्सिटी होने के नाते मणिपाल को यूजीसी से स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है।

इससे पहले 12 नवंबर को टाटा-मणिपाल मेडिकल कालेज के मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई थी, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत ने मेडिकल काले को अंतरिम राहत देने से इंकार करते हुए केदं्र सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने यूजीसी को भी नोटिस जारी करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 24 नवंबर रखी है। बहस के दौरान एनएमसी की अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने कहा कि कालेज को एनएमसी, यूजीसी और केंद्र सरकार से अनुमति लेना जरूरी है।

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