बकरा पीता दूध-घी, खाता है चना-किशमिश

अपने मालिक टेल्को के गौसिया नगर निवासी फारूख का दुलारा बकरा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Aug 2018 08:48 AM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 08:48 AM (IST)
बकरा पीता दूध-घी, खाता है चना-किशमिश
बकरा पीता दूध-घी, खाता है चना-किशमिश

मुजतबा हैदर रिजवी, जमशेदपुर : अपने मालिक टेल्को के गौसिया नगर निवासी फारूख का दुलारा बकरा कल्लू। बड़े नाज-प्यार से पला ये बकरा रोज सुबह शाम एक किलो दूध में 100 ग्राम देसी घी मिलाकर पीता है। किशमिश मिला कर दिनभर में तीन किलो चना व सोयाबीन हजम कर जाता है। ये बकरा डेढ़ लाख रुपये में सूरत के एक कारोबारी इस्लाम अली ने खरीदा है।

इस्लाम को कल्लू की आदतों के बारे में बताया दिया है। 22 अगस्त को कल्लू की कुर्बानी होगी। कल्लू की खूबसूरती देख हर किसी की लार टपकने लगती है। लेकिन, इसकी ऊंची कीमत शहर के लोग नहीं दे पा रहे थे। कल्लू को शहर की मंडी में कई दिनों से लाया जा रहा था। लोग इसकी कीमत सुन कर चले जाते थे। मालिक फारूख ने इसे ओएलएक्स पर भी डाल दिया था। फारूख ने बताया कि सूरत के एक व्यापारी इस्लाम अली को कल्लू पसंद आ गया। इस्लाम अली ने डेढ़ लाख रुपये में इसे खरीदा है। वो इसे ट्रेन के जरिए पार्सल बुकिंग कर ले गए हैं। फारूख के पास मलेर कोटला से लाए गए तीन बकरे थे। इनमें से दो बकरे शहर में ही बिक गए हैं।

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प्लेटफार्म पर कूलर में सोता था कल्लू

बकरा कल्लू घर में अपने लिए बने प्लेटफार्म पर कूलर में सोता था। उसे रोज नहलाया जाता था और सुबह दो-तीन किलोमीटर तक सैर कराई जाती थी। ढाई साल की उम्र के इस बकरे का वजन 150 किलो से अधिक है। 40 इंच की ऊंचाई वाला ये बकरा पंजाब के मलेर कोटला से लाया गया था।

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राजस्थान से आया खास पत्ता खाता है कल्लू

बीटल नस्ल का रेड आइ ब्रीड का ये बकरा आम पत्ता नहीं खाता बल्कि इसके लिए राजस्थान से 100 रुपये प्रति किलो की कीमत का खास सूखा पत्ता मंगाया जाता है। फारूख बताते हैं कि बकरे के लिए वो जयपुर से एक बार में एक क्विंटल पत्ता लाते हैं और थोड़ा-थोड़ा खिलाते हैं। इसके अलावा, बकरे का वजन बढ़ाने के लिए इसे एक्सट्रा फीड एम पावर भी दिया जाता है।

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