गोविदपुर विवेक नगर में वन विभाग की जमीन का हो रहा अतिक्रमण, शुरू है मापी

छोटा गोविदंपुर स्थित विवेक नगर में भू-माफियों द्वारा जमीन का अतिक्रमण किया जा रहा है। यहां के एक मैदान पर भू-माफियों की नजर है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 06:30 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 06:30 PM (IST)
गोविदपुर विवेक नगर में वन विभाग की जमीन का हो रहा अतिक्रमण, शुरू है मापी
गोविदपुर विवेक नगर में वन विभाग की जमीन का हो रहा अतिक्रमण, शुरू है मापी

जासं, जमशेदपुर : छोटा गोविदंपुर स्थित विवेक नगर में भू-माफियों द्वारा जमीन का अतिक्रमण किया जा रहा है। यहां के एक मैदान पर भू-माफियों की नजर है। मैदान का अतिक्रमण शुरू है। इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने गोविदपुर पुलिस से लेकर संबंधित विभाग से की है। इस पर पहल करते हुए वन विभाग ने जमीन की मापी शुरू करवाई है। सोमवार को भी पुलिस बल की तैनाती में जमीन की मापी हुई। इधर, जमीन मापी को लेकर क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है।

गोविदपुर विवेकनगर के पास बन रहे पार्क की चारदीवारी को तोड़कर अतिक्रमण करने की शिकायत के बाद वन विभाग ने मापी शुरू कर दी है। विभाग के सहायक वन्य रक्षक (सीएफओ) देवाशीष प्रसाद के नेतृत्व में यहां बनी चारदीवारी को देखा तथा अतिक्रमित जमीन की मापी की। हालांकि मापी के दौरान स्थानीय दो गुटों में बंटकर किसी ने विरोध किया तो किसी ने मापी के तरीके पर सवाल उठाये। बताया गया कि स्थानीय झामुमो नेता सुनील सिंह व धीरज ओझा की शिकायत व आरटीआइ के बाद विभाग रेस में हैं। पार्क के चारों तरफ वन विभाग की जमीन का अतिक्रमण करने की शिकायत मिली थी।

लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि केवल दक्षिण दिशा यानी सिगल की ओर तरफ ही मापी क्यों की जा रही है जबकि अतिक्रमण चारों दिशा में हो रहा है। सुनील व धीरज ने पार्क निर्माण के राशि के गबन का भी आरोप लगाया। यहां लगीं सोलर लाइटें गायब हैं। यह जनता के पैसों का बंदरबांट है। सुनील ने कहा है कि मामले का समाधान समय रहते नहीं हुआ तो हाई कोर्ट भी जाएंगे। ----------------

2016 में तोड़ने का आया था आदेश सुनील के अनुसार, वन विभाग की यहां करीब 10.12 हेक्टेयर जमीन है, जिसके हर किनारे में अतिक्रमण कर लिया गया है। शिकायत के बाद भी विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दिए। कई अधिकारियों को मिलीभगत का आरोप भी लगाया गया। जिनपर आरोप है आज वे भी जमशेदपुर में पुन: पदस्थापित हो गए हैं। इन्हें हटाने के लिए मांग की जाएगी।

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