बोले एक्सएलआरआइ के प्रोफेसर- जमशेदपुर की अर्थव्यवस्था टाटा के इर्द-गिर्द Jamshedpur News
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व एक्सएलआरआइ के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित वेबिनार की तीसरी कड़ी का विषय था लागत व वित्त का प्रबंधन कैसे करें।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व एक्सएलआरआइ के सयुंक्त तत्वाधान में हो रहे वेबिनार की श्रृंखला का तीसरा हिस्सा समाप्त हो गया। था। तीसरी कड़ी का विषय था 'लागत व वित्त का प्रबंधन कैसे करें'।
इसमें एक्सएलआरआइ के प्रोफेसर (वित्त) डॉ. संतोष कुमार संगम, एक्सएलआरआइ के पूर्व छात्र और जेआरके फार्मास्युटिकल के संस्थापक डॉ. जे राजगोपाल एवं उनकी पत्नी गायत्री राजगोपाल ने अपने विचार रखे।
कोरोना की वजह से और गंभीर हुई स्थिति
डॉ संगम ने बताया कि जमशेदपुर की अर्थव्यवस्था टाटा के इर्द गिर्द है। टाटा की दोनों बड़ी कंपनियां टाटा स्टील व टाटा मोटर्स पिछले एक वर्ष से बहुत अच्छा नहीं कर रही है। कोरोना ने तो सिर्फ मामला और गंभीर कर दिया है। इन्ही अनिश्चितता के साथ हमे अपना व्यवसाय करना है। हमारी भ्रांतियां हमें आशावादी बनातीं है, इस वजह से हमे अपनी भ्रांतियों को छोड़ना पड़ेगा। हरेक वित्तीय निर्णय पर सवाल उठाना जरुरी है।
खर्चों को टाल कार्यशील पूंजी और नकदी पर जोर देने का समय
उन्होंने कीमत, कार्यशील पूंजी और नकदी पर जोर देने का आग्रह रखा। उन सभी खर्चो को टालने को कहा जो व्यवसाय में कोई मूल्य वर्धन नहीं करते। कार्यशील पूंजी को दुरुस्त करने के लिए भी स्टॉक को तर्कसंगत करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि बैंक अब आपके स्टॉक की बजाय रोकड़ की स्थिति और उसके बहाव पर मुद्रा दे रही है। ऐसे में अधिक स्टॉक देनदारी साबित हो सकता है। स्टॉक को तर्कसंगत बनाने के उन्होने कई उपाय भी बताये।
फंसी पूंजी पर पहले दिया ध्यान : डॉ राजगोपाल
डॉ. राजगोपाल ने अपने वास्तविक अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में सर्वप्रथम उनका ध्यान जहां कहीं भी पूंजी फंसी थी, उस पर ध्यान दिया। उदाहरण के तौर पर इनकम टैक्स के रिफंड, बैंक के द्वारा गलती से कटे ब्याज और उधारी में फंसे रुपये। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा घोषित राहत योजनाओ का लाभ लेने का प्रयास किया जो करीब दो महीने के प्रयास के बाद उन्हें प्राप्त हुआ।
उन्होंने आग्रह किया कि जमशेदपुर के व्यवसायी नए ग्राहक की खोज करें। चीन से व्यवसाय करने के लिए विश्वभर में एक संशय की स्थिति है, इसका लाभ उठाते हुए नए ग्राहक विश्व भर के बाजार में खोजें। थोड़ा कठिन जरूर है परन्तु आने वाले समय में लाभदायक रहेगा।
तकनीक का इस्तेमाल करें छोटे दुकानदार
उन्होंने छोटे दुकानदारों से भी कहा कि वे तकनीक का इस्तेमाल करे और अधिक से अधिक आॅनलाइन व्यापार की संभानाओं को तलाशें। सरकारी निविदा में हिस्सा लें। गायत्री राजगोपाल ने पारदर्शिता पूर्वक अपने कर्मचारियों को कठिनायों का सामना करने पर जोर दिया।
इस वेबिनार में करीब देश भर से करीब 75 लोग शामिल थे, जिनमें एक्सएलआरआइ के डॉ संजीव वार्ष्णेय, सिंहभूम चैंबर के पूर्व अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, महासचिव भरत वसानी, उपाध्यक्ष विजय आनंद मूनका, सीए दिनेश चौधरी,नितेश धूत, व सचिव महेश सोंथालिया शामिल थे।