पेट दर्द की शिकायत पर डॉक्टर ने महिला मरीज की पर्ची पर लिख दी ऐसी बात कि होना पड़ेगा बर्खास्त, जानिए क्या है मामला

एक डॉक्टर ने पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची महिला मरीज की पर्ची पर ऐसी बात लिख दी कि हंगामा मच गया। अब स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर को बर्खास्त करने का फैसला लिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 31 Aug 2019 10:04 AM (IST) Updated:Sat, 31 Aug 2019 11:51 AM (IST)
पेट दर्द की शिकायत पर डॉक्टर ने महिला मरीज की पर्ची पर लिख दी ऐसी बात कि होना पड़ेगा बर्खास्त, जानिए क्या है मामला
पेट दर्द की शिकायत पर डॉक्टर ने महिला मरीज की पर्ची पर लिख दी ऐसी बात कि होना पड़ेगा बर्खास्त, जानिए क्या है मामला

रांची/ जमशेदपुर, जेएनएन। एक डॉक्टर ने महिला मरीज की पर्ची पर ऐसी बात लिख दी कि हंगामा मचा।शोर विधानसभा में भी गूंजा। आखिरकार डॉक्टर को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। सरकार ने घाटशिला के सरकारी अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अशरफ बदर द्वारा एक महिला मरीज को दवा के बजाए कंडोम की अनुशंसा अपने पुर्जे में करने को गंभीरता से लिया है। उपायुक्त की रिपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग ने उसे सेवा से हटाने का आदेश उपायुक्त और सिविल सर्जन को दिया है।

विधायक कुणाल षाड़ंगी द्वारा मामला सामने लाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई थी। इसमें पता चला कि  चिकित्सक राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत अनुबंध पर कार्यरत है। इधर, उपायुक्त ने भी इसकी जांच कराई थी, जिसमें शिकायत को सही पाया गया था। विभाग ने उपायुक्त की रिपोर्ट पर उक्त चिकित्सक का अनुबंध समाप्त करने का निर्देश अभियान निदेशक को दिया। अभियान निदेशक ने इस पर कार्रवाई करते हुए उपायुक्त व सिविल सर्जन को चिकित्सक का अनुबंध समाप्त करने का आदेश दिया है।

मरीज को तब पता चला जब दवा लेने दुकान पहुंची
बता दें कि विधायक ने आरोप लगाया था कि महिला मरीज पेट दर्द का इलाज के लिए अस्पताल पहुंची थी। चिकित्सक ने अपनी अनुशंसा में पुर्जे पर कंडोम लिख दिया। महिला मरीज को यह तब पता चला जब वह दवा लेने दुकान पर पहुंच गई। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से मिलकर भी उक्त चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी। 

स्वास्थ्यकर्मियों ने किया था आंदोलन
घाटशिला अनुमंडल अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों ने डॉक्टर के खिलाफ आंदोलन किया था। कर्मचारियों का कहना था कि डॉक्टर के कृत्य से स्वास्थ्य महकमा शर्मशार है और सबों को शर्मींदगी झेलनी पड़ रही है। ऐसे में आरोपित डॉक्टर के साथ काम करना मुश्किल है। विभाग को सख्त कदम उठाते हुए डॉक्टर को बर्खास्त कर देना चाहिए। 

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अस्पताल में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी है महिला
घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत चतुर्थ वर्गीय महिला कर्मचारी को चिकित्सक डॉ. असरफ बदर ने पेट दर्द की शिकायत के बाद चिकित्सा जांच पर्ची में दवा की जगह कंडोम लिख दिया था। यह मामला 26 जुलाई को तूल पकड गया था। झारखंड राज्य चिकित्सा जन स्वास्थ्य कर्मचारी के प्रखंड महामंत्री सरोजनी महतो ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई कराने की मांग रखी थी।

उन्होंने कहा था कि अनुबंध पर पदस्थापित चिकित्सक द्वारा मां की उम्र की महिला के साथ इस तरह का अभद्र व्यवहार करते हुए पर्ची में निरोध कंडोम वन बाक्स लिखना पूरी तरह से अपराध है। जबकि उक्त महिला कर्मचारी गैस व दस्त की शिकायत लेकर चिकित्सक के पास गई थी। 

झामुमो ने मुद्दे को लपका था
मामले को लेकर झामुमो का एक प्रतिनिधि मंडल जगदीश भकत के नेतृत्व में 26 जुलाई को ही अनुमंडल अस्‍पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शंकर टुडू से मिला था और विरोध दर्ज कराते हुए डॉ अशरफ ब्रद पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी। 20 सूत्री जिला उपाध्यक्ष दिनेश साव ने भी अनुमंडल अस्पताल जाकर मामले की जांच कर चिकित्सक पर कार्रवाई करने की बात कही। 

पीडि़ता ने दिया था आवेदन
26 जुलाई को ही पीडि़त महिला कर्मचारी ने लिखित आवेदन दिया कि 23 जुलाई को डा. बदर से इलाज कराने गई थी। उन्होंने जो पर्ची में लिखा है उससे काफी शर्मिंदगी महसूस कर रही हैं। जांच करने के लिए जिला से सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया। टीम में जिला आरसीएच पदाधिकारी डा. सहिल पाल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी पीके भकत एवं मनोचिकित्सक डा. दिपक गिरी को टीम में शामिल किया गया।

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टीम ने की जांच
27 जुलाई को टीम ने अनुमंडल अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच की। जांच के क्रम में टीम के सदस्यों ने पीडि़त महिला कर्मचारी, फार्मासिस्ट, रजिस्टर, संबंधित चिकित्सक व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से भी मामले की जानकारी ली। डा. असरफ बदर ने टीम को बताया कि उन्होंने उक्त पर्ची लिखा ही नहीं है। पर्ची में न तो रजिस्ट्रेशन नंबर है और न ही ओपीडी के रजिस्टर में दर्ज किया है। यह पूरी तरह साजिश के तहत फंसाने का काम किया जा रहा है।

विधानसभा में भी उठा मामला
बहरागोड़ा के झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मामले को विधानसभा में उठाया था और कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने डॉक्टर के रवैये को ओझी मानसिकता का परिचायक करार दिया था और कहा कि ऐसे डॉक्टर को तत्काल सेवा से मुक्त कर देना चाहिए। 

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