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अब साथी कर्मी ही हुए डॉक्टर के खिलाफ, महिला मरीज के पर्चे पर लिख दी थी 'गंदी बात'

पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची महिला मरीज की पर्ची पर गलत बात लिख देने से मचा विवाद थम नहीं रहा है। डॉक्टर को बर्खास्त करने की मांग पर स्वास्थ्यकर्मियों ने ही आंदोलन छेड़ दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 02:29 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 02:29 PM (IST)
अब साथी कर्मी ही हुए डॉक्टर के खिलाफ, महिला मरीज के पर्चे पर लिख दी थी 'गंदी बात'

घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम), जेएनएन। एक डॉक्टर ने पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची महिला मरीज की पर्ची पर ऐसी बात लिख दी कि विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले डॉक्टर की 'गंदी बात' पर झारखंड विधानसभा में हंगामा बरपा और जांच शुरू हुई। अब साथी कर्मी ही खिलाफ में खड़े हो गए हैं। साथी कर्मियों ने विभाग को कार्रवाई के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। पूरे सप्ताह कर्मी काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे और बर्खास्तगी की मांग पर कोई फैसला नहीं लिया गया तो आंदोलन की अगली रणनीति बनाकर उसपर अमल करेंगे। 

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बुधवार को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल के अनुमंडल अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया। कर्मचारियों का कहना है कि डॉक्टर के कृत्य से स्वास्थ्य महकमा शर्मशार है और सबों को शर्मींदगी झेलनी पड़ रही है। ऐसे में आरोपित डॉक्टर के साथ काम करना मुश्किल है। विभाग को सख्त कदम उठाते हुए डॉक्टर को बर्खास्त कर देना चाहिए। स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि आंदोलन को विस्तार दिया जाएगा और इसमें पूरे जिले के कर्मियों को जोड़ा जाएगा ताकि कार्रवाई का दबाव बने।

क्या है मामला

घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत चतुर्थ वर्गीय महिला कर्मचारी को चिकित्सक डॉ. असरफ बदर ने पेट दर्द की शिकायत के बाद चिकित्सा जांच पर्ची में दवा की जगह कंडोम लिख दिया था। यह मामला 26 जुलाई को तूल पकड गया। झारखंड राज्य चिकित्सा जन स्वास्थ्य कर्मचारी के प्रखंड महामंत्री सरोजनी महतो ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई कराने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि अनुबंध पर पदस्थापित चिकित्सक द्वारा मां की उम्र की महिला के साथ इस तरह का अभद्र व्यवहार करते हुए पर्ची में निरोध कंडोम वन बाक्स लिखना पूरी तरह से अपराध है। जबकि उक्त महिला कर्मचारी गैस व दस्त की शिकायत लेकर चिकित्सक के पास गई थी। 

झामुमो ने मुद्दे को लपका

घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में काला बिल्ला लगाकर काम करते स्वाथ्स्यकर्मी।  

मामले को लेकर झामुमो का एक प्रतिनिधि मंडल जगदीश भकत के नेतृत्व में 26 जुलाई को ही अनुमंडल अस्‍पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शंकर टुडू से मिला और विरोध दर्ज कराते हुए डॉ अशरफ ब्रद पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की। 20 सूत्री जिला उपाध्यक्ष दिनेश साव ने भी अनुमंडल अस्पताल जाकर मामले की जांच कर चिकित्सक पर कार्रवाई करने की बात कही। 

पीडि़ता ने दिया आवेदन

26 जुलाई को ही पीडि़त महिला कर्मचारी ने लिखित आवेदन दिया कि 23 जुलाई को डा. बदर से इलाज कराने गई थी। उन्होंने जो पर्ची में लिखा है उससे काफी शर्मिंदगी महसूस कर रही हैं। जांच करने के लिए जिला से सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया। टीम में जिला आरसीएच पदाधिकारी डा. सहिल पाल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी पीके भकत एवं मनोचिकित्सक डा. दिपक गिरी को टीम में शामिल किया गया।

टीम ने की जांच

27 जुलाई को टीम ने अनुमंडल अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच की। जांच के क्रम में टीम के सदस्यों ने पीडि़त महिला कर्मचारी, फार्मासिस्ट, रजिस्टर, संबंधित चिकित्सक व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से भी मामले की जानकारी ली। डा. असरफ बदर ने टीम को बताया कि उन्होंने उक्त पर्ची लिखा ही नहीं है। पर्ची में न तो रजिस्ट्रेशन नंबर है और न ही ओपीडी के रजिस्टर में दर्ज किया है। यह पूरी तरह साजिश के तहत फंसाने का काम किया जा रहा है।

विधानसभा में भी उठा मामला

बहरागोड़ा के झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मामले को विधानसभा में उठाया था और कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने डॉक्टर के रवैये को ओझी मानसिकता का परिचायक करार दिया था और कहा कि ऐसे डॉक्टर को तत्काल सेवा से मुक्त कर देना चाहिए। 

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