उच्चतम न्यायालय में आठ दिसंबर को होगी सायरस मामले में सुनवाई

टाटा समूह के विवाद पर अब मंगलवार आठ दिसंबर को उच्चनम न्यायालय में सुनवाई होगी। बीते बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल अपीलिएट ऑथिरिटी (एनसीएलएटी) द्वारा दिए गए आदेश पर सुनवाई की थी। इसमें टाटा संस और सायरस इंवेस्टमेंट द्वारा दायर की गई क्रॉस अपील शामिल है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 02:26 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 02:26 PM (IST)
उच्चतम न्यायालय में आठ दिसंबर को होगी सायरस मामले में सुनवाई
रतन टाटा व साइरस मिस्त्री के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।

 जासं, जमशेदपुर : नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाली 100 बिलियन डॉलर वाली टाटा समूह के विवाद पर अब मंगलवार आठ दिसंबर को उच्चनम न्यायालय में सुनवाई होगी। बीते बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल अपीलिएट ऑथिरिटी (एनसीएलएटी) द्वारा दिए गए आदेश पर सुनवाई की थी। इसमें टाटा संस और सायरस इंवेस्टमेंट द्वारा दायर की गई क्रॉस अपील शामिल है।

टाटा समूह की ओर से सायरस मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन के पद से हटाने के बाद से यह विवाद उत्पन्न हुआ है। इसके बाद यह मामला मुख्य न्यायधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ के पास सुनवाई के लिए आया है। मामले की सुनवाई के लिए दो सदस्यीय खंडपीठ ने आठ दिसंबर का दिन तय किया है जिसमें जस्टिस बोबड़े और जस्टिस रामा सुब्रमणियम पूरे दिन इस मामले को सुनेंगे। शीर्ष अदालत ने 22 सितंबर को शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप और साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के शेयर को बेचने या गिरवी रखने पर रोक लगा दी थी।

मालूम हो कि शारपूजी पल्लोनजी ग्रुप का टाटा समूह में 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जिसकी कुल कीमत एक लाख करोड़ से ज्यादा आंकी गई है। ऐसे में टाटा समूह ने धन जुटाने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया है। आपको बता दें कि सायरस मिस्त्री को वर्ष 2012 में टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर नामित किया था। लेकिन चार साल बाद ही उन्हें पद से हटा दिया गया। इसके बाद से सायरस मिस्त्री व उनकी कंपनी पद से गलत तरीके से हटाने व हिस्सेदारी बेचने पर अडी हुई है।

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