गंगा जमुनी तहजीब की आधार है हिंदी जुबान : हयात

हजारीबाग : हमारा देश भारत साझी संस्कृति वाला देश है, जिसकी अद्भुत विरासत है राष्ट्रभाष हिंदी। विविधत

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 06:49 PM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 06:49 PM (IST)
गंगा जमुनी तहजीब की आधार है हिंदी जुबान : हयात
गंगा जमुनी तहजीब की आधार है हिंदी जुबान : हयात

हजारीबाग : हमारा देश भारत साझी संस्कृति वाला देश है, जिसकी अद्भुत विरासत है राष्ट्रभाष हिंदी। विविधताओं में एकता की विरासत को हिन्दी भलीभांति सहेजने का काम करती है। आवश्यकता केवल इस बात की है कि हिंदी भाषा को न सिर्फ दिन प्रतिदिन की भाषा बनाई जाए बल्कि इसका विस्तार तकनीकी और उच्च शैक्षणिक संस्थानों की मूल भाषा के रूप में किया जाए ताकि यह राष्ट्र की वास्तविक पहचान बन सके। उक्त बातें आकाशवाणी हजारीबाग के कार्यक्रम प्रमुख डा. अभ्रो चौधरी ने शुक्रवार को अपने संबोधन में कही। राजकीय भूतात्विक प्रयोगशाला के जीटीआई व्याख्यान कक्ष में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह को वह बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि यूपी से आए हुए हिन्दी साहित्य के विद्वान हयात गौस वारसी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी देश में गंगा जमुनी तहजीब आधार स्तंभ है। देश की विभिन्न भाषा संस्कृति को सहेजते हुए हिन्दी विकास का अवसर प्रदान करती है। इससे पहले स्वागत भाषण उप निदेशक प्रयोगशाला डा. आइएम असदुल्ला ने दिया। कहा कि हिन्दी के विकास और तरक्की में देश के अन्य भाषा-भाषी के लोगों की भी अहम भागीदारी रही है। मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में अली मुनीर, अबुल नटखट अजीमाबादी, मोख्तार अहमद खान, डा. जैन रामिश, डा. मंजर हुसैन, डा. एडी ¨सह, शहनवाज अहमद खान आदि ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन जीयो एनालिस्ट कुसुम भगत ने किया। इस अवसर पर कार्यालय के विनीत कुमार, काजल कुमारी, विकास कुमार, मनीषा कुमारी, अजीत कुमार मिश्रा, शिव कुमार वर्मा, कुसुम भगत, मो. वाहिद, मोनिका बेसरा, प्रीति कुमारी, प्रियंका कुमारी ने भी अपनी अपनी प्रस्तुति दी। अंत में कार्यक्रम के विजयी प्रतिभागियों को अतिथियों के हाथों पुरस्कृत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन जीयो एनालिस्ट प्रियंका कुमारी ने किया।

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