8 वीं पास कोहराम लैपटॉप से संभाल रहा था टीपीसी की कमान
हजारीबाग : गोली भी खाना, और जान भी देना है तो फिर माओवादियों के लिए अपना क्यों दे। क्यों ना अपना सं
हजारीबाग : गोली भी खाना, और जान भी देना है तो फिर माओवादियों के लिए अपना क्यों दे। क्यों ना अपना संगठन खड़ा करें। इसी सोच के तहत प्रारंभ के दिनों में माओवादी को छोड़ कर गणेश गंझू, कोहराम, ब्रजेश, प्रेम प्रकाश, अक्रमण गंझू सहित कई अन्य ने मिलकर 2008 में टीपीसी का गठन किया। स्वीकारोक्ति बयान में कोहराम गझू उर्फ लक्ष्मण ने बताया कि वह आठवीं पास है। गरीबी और उस समय माओवादियों के दबाव के कारण वह इससे जुड़ा। 8 वीं पास कोहराम दो लैपटॉप, चार स्मार्ट फोन, तीन आईफोन की मदद से संगठन और कारोबार की निगरानी करता है। पूछताछ में उसने कई अन्य जानकारियां भी पुलिस को उपलब्ध कराई है। कोयला से जुड़े लेवी का हिसाब उसके पास रहता है। पुलिस उसके पास से बरामद लैपटॉप, आईफोन व मोबाइल की फारे¨सक जांच कराने की बात कही है।